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निचली अदालत के फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती देंगे कार्ति

निचली अदालत के फैसले को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती देंगे कार्ति

चेन्नई, 08 जनवरी (वार्ता) पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम ने संपत्ति की बिक्री में कर अपवंचन के मामले में स्वयं को आरोपमुक्त करने संबंधी याचिका निर्वाचित विधायकों एवं सांसदों के मामलों की सुनवाई करने वाले विशेष अदालत की ओर से खारिज कर दिए जाने के एक दिन बाद कहा कि बिक्री की रकम हस्तांतरण में नकद राशि शामिल नहीं थी और वह निचली अदालत के फैसले को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

कार्ति और उनकी पत्नी श्रीनिधि ने साल 2015-16 में मुत्तुकाडू में एक फर्म को अपनी जमीन बेची थी । आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप है कि लेनदेन की प्रक्रिया नकदी में की गयी थी।

कार्ति और उनकी पत्नी श्रीनिधि की ओर से उनके वकील एनआरआर अरुण नटराजन ने कहा कि आयकर विभाग की शिकायत पुन:आकलन की नोटिस पर आधारित थी, जो 31 दिसंबर, 2019 को समाप्त हो गयी थी। उन्होंने कहा, “आंकलन या मांग पर कोई आदेश पारित नहीं किया गया था और ऐसे में कानून की नजर में इस शिकायत का कोई अस्तित्व नहीं है।”

इससे पहले विशेष अदालत के न्यायाधीश डी लिंगेश्वरन ने कार्ति और श्रीनिधि की याचिका मंगलवार को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे कि उन्होंने गुनाह किया है, वहीं अभियोजन पक्ष की दलीलों को मजबूत पाया। न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष को इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने का आदेश देते हुए दोनों आरोपियों को 21 जनवरी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिए थे । इसके साथ ही अदालत ने अनुपस्थित रहने पर वारंट जारी करने की चेतावनी भी दी।

उल्लेखनीय है कि अग्नि ईस्टेट फाउंडेशन के साथ लेनदेन में कार्ति ने 6.38 करोड़ तथा उनकी पत्नी ने 1.35 करोड़ रुपये नकद लिए थे और यह मामला तब प्रकाश में आया जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस फर्म के कर्मचारियों से पूछताछ की। आयकर विभाग और ईडी के अधिकारियों ने एक दिसंबर 2015 को कार्ति आवासीय और कार्यालयीन परिसरों में छानबीन की और इलेक्ट्रॉनिक समानों को जब्त कर लिया जिसमें नकदी लेनदेन से जुड़े सबूत थे। ईडी और आईटी विभाग ने दिसंबर 2018 में प्रिंट दस्तावेजों के साथ इसे अदालत में पेश किया, जिसकी अदालत ने हाल ही में समीक्षा की। आयकर विभाग ने इस मामले में 12 सितंबर 2018 को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट-2 (आर्थिक अपराध) में आईटी एक्ट की धारा 276सी(1) और 277 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में इस मामले को विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।

शुभम टंडन

वार्ता

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