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गांवों में जागरूकता की अलख जगा रही हैं किशोरियां

गांवों में जागरूकता की अलख जगा रही हैं किशोरियां

(यामिनी श्रीवास्तव से)

हरदिया (बिहार) 08 अप्रैल (वार्ता) इक्कीसवीं सदी में कदम जमाने के बावजूद देश के अधिकांश हिस्सों में जहां मासिक धर्म तथा परिवार नियोजन जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर वर्जनाएं और रूढ़ियां बरकरार हैं वहीं बिहार में नवादा जिले के 50 से अधिक गांवों में किशोरियां ऐसे मसलों पर जागरुकता की अलख जगा रही हैं।

जिले के रजौली ब्लॉक के लगभग 55 गांवों की किशोरियां न सिर्फ अपने गांव में बल्कि आस-पड़ोस के गांवों में भी यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता और परिवार नियोजन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जागरूकता फैला रही हैं। वे घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के फायदे बता रहीं हैं। उन्हें परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के बारे में जानकारी दे रही हैं, यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही हैं और माहवारी के दौरान अनिवार्य तौर पर स्वच्छता बनाये रखने का पाठ पढ़ा रही हैं।

देश के शहरी इलाकों में भी जहां मासिक धर्म और यौन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर खुल कर बातचीत नहीं की जाती है, वहीं गांवों की किशोरियां न केवल स्वयं इन मुद्दों पर पूरी तरह जागरूक हैं बल्कि दूसरों को भी जागरूक कर रही हैं। यह संभव हो पाया है एक गैर सरकारी संगठन ‘पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ के प्रयासों से। संगठन ने गांव-गांव में 10-12 किशोरियों को एकत्रित कर ‘किशोरी क्लब’ का निर्माण किया है जिनमें उन्हें यौन स्वास्थ्य, निजी स्वच्छता, परिवार नियोजन और सामान्य ज्ञान समेत विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जाती है।

यामिनी जितेन्द्र टंडन

जारी वार्ता

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