भारतPosted at: Mar 28 2019 2:41PM दस प्रतिशत आर्थिक आरक्षण मामले में सुनवाई आठ अप्रैल को
नयी दिल्ली, 28 मार्च (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई आठ अप्रैल तक के लिए मुल्तवी कर दी।
न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई के लिए आठ अप्रैल की तारीख मुकर्रर की। न्यायालय उस दिन यह तय करेगा कि मामले को सुनवाई के लिए संविधान पीठ के समक्ष भेजना जरूरी है या नहीं।
इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं-गैर-सरकारी संगठन जनहित अभियान और यूथ फॉर इक्वैलिटी’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने दलील दी कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण पर तत्काल रोक लगायी जानी चाहिए।
उन्होंने दलील दी, “आने वाले समय में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां होनी हैं, लेकिन यह आरक्षण चिंता का कारण बनने वाला है। रेलवे ने भी 10 फीसदी आरक्षण अपनी भर्तियों में देने का फैसला किया है।” उनकी दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आठ अप्रैल को मामले की सुनवाई करने पर सहमति जता दी।
याचिकाओं में कहा गया है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है। सरकार ने बिना ज़रूरी आंकड़े जुटाए आरक्षण का कानून बना दिया। शीर्ष अदालत ने आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित रखने का फैसला भी दिया था।
सुरेश.श्रवण
वार्ता