खेलPosted at: Dec 15 2016 8:53PM झूठे साक्ष्य के अारोप साबित हुये तो ठाकुर जा सकते हैं जेल
नयी दिल्ली,15 दिसम्बर (वार्ता) लोढा समिति की सिफारिशों को लेकर जारी विवाद में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गयी हैं । मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को कहा कि यदि ठाकुर पर अदालत में झूठे साक्ष्य पेश करने के आरोप साबित हो जाते हैं, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। शीर्ष अदालत ने न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम की दलीलें सुनने के बाद पहली दृष्टि में अनुराग को इसका दोषी पाया। संभव है कि न्यायालय इससे संबंधित फैसला भी सुनाये। न्यायालय ने न्याय मित्र से पूछा था कि ठाकुर ने इस मामले में झूठ बोला है या नहीं। सुब्रह्मण्यम ने अपने जवाब में कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष ने झूठ बोला है। ठाकुर ने शीर्ष अदालत में पेश किये गये हलफनामे में कहा था कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष शशांक मनोहर से केवल यह कहा था कि इस मामले पर उनका स्टैंड क्या होता जब वह (मनोहर)बीसीसीआई अध्यक्ष थे जबकि मनोहर इस बात से इनकार कर चुके हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, “अगर आप झूठे साक्ष्य के आरोपों से बचना चाहते हैं, तो आपको माफी मांगनी चाहिए। आप कोर्ट की सुनवाई में बाधा डाल रहे हैं।”