वाराणसी, 27 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश के उद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना गुरुवार को यहां दावा किया कि सरकार के प्रयासों से राज्य में उद्योग के क्षेत्र में बेहतर माहौल बना है।
‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) दिवस’ के अवसर पर वाराणसी मंडल के उद्योग बंधुओं को संबोधित करते हुए श्री महाना ने कहा कि उद्योग के क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए पहली बार 200 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से जारी किये गए हैं। औद्योगिक भूखंडों पर वर्तमान निर्धारित एक वर्ष में उद्योग लगाने की समय सीमा को बढ़ाकर दो वर्ष किया जाएगा। इन प्रयासों से उद्योगी क्षेत्रों में अवश्यक ही बड़े सुधार दिखाई देंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ढांचागत विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों से पहली बार यहां उद्योग के अनुकूल वातावरण बना है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक भू-खंडों के मानचित्रों की व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। यदि उद्यमी उन मानचित्रों के अनुसार निर्माण करता है तो उसे सरकार से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही यदि किसी उद्यमी को एक से अधिक भूखंड आवंटित है तो उनके संविलयन प्रक्रिया को अति सरल कर दिया गया है।
श्री महाना ने करखियाव स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में स्ट्रीट लाइट एवं सड़क जैसे बुनियादी समस्याओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त स्तर जांच की कराने का निर्देश दिये है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी स्वीकार नहीं की जाएगी और लापरवाही करने वालों को कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए उत्तर प्रदेश में विद्युत ड्यूटी में छूट सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है। विद्युत दरों की बढ़ोतरी पर उन्होंने उद्यामियों को सहयोग का वादा करते हुए कहा कि इस मुद्दे को विद्युत नियामक के समक्ष रखा जाएगा। राजकीय औद्योगिक क्षेत्रों में रखरखाव एवं साफ-सफाई के लिए उद्यमियों की समिति बनाकर कार्य कराने की मांग पर सहमति दी।
बैठक में उद्यमी आर0 के0 चौधरी, राजेश भाटिया, देव भट्टाचार्य, कमल अग्रवाल, अशोक गुप्ता, कमला कांत पांडे सहित विभिन्न उद्यमियों ने कई सुझाव लिए गए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव (उद्योग) आर के सिंह, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह, चंदौली के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, गाजीपुर के जिलाधिकारी गाजीपुर के0 बालाजी आदि अधिकारी मौजूद थे।
श्री महाना ने जिले के 10 हस्तशिल्पियों को ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना के तहत कार्य करने के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि के प्रतीकात्मक चेक औद्योगिक विकास प्रदान किया।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता