उज्जैन 05 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे श्रावण महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन वादन व नृत्य से कलाकारों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित श्रावण महोत्सव की कल तीसरी सांझ का प्रारंभ सेनिया एवं इमदादाखानी घराने की डॉ.ऋचा बेडेकर के सरोद वादन से हुआ। वादन के आलाप, मध्यलय, ध्रुतलय, झाला की प्रस्तुति में शिव धुन से श्रोताओं का मन मोह लिया। इनके साथ तबले पर अथर्व तराणेकर. इन्दौर. ने संगत दी।
दूसरी प्रस्तुति में उदयमान नृत्यांगना सुश्री मोनिका यादव ने महादेव शिव शम्भू हर-हर आदिदेव.......से कथक नृत्य किया। क्रियात्मक पक्ष का प्रदर्शन करते हुए 14 मात्रा ताल धमार में ठाठ तोडे, टुकडे, बंदिश, तिहाईयॉ प्रस्तुत की। अंत में भावपक्ष के माध्यम से सरगम के सात स्वरों पर राधा कृष्ण पर आधारित बंदिश प्रस्तुत दी गई, इनके साथ तबले पर विनायक शर्मा, सितार पर दिल्ली के उस्ताद खालिद अहमद, हारमोनियम पर गौरांग शर्मा तथा पढंत पर सुश्री मोनिका यादव व डॉ. तरूणा सिंह ने संगत दी।
जयपुर घराने के कथक नर्तकी कु.अवनि शुक्ला और अनन्या गोर ने शिव स्तुति से शंकर महादेव.......गीत के साथ की। अंतिम प्रस्तुति प्रशांत कुमार मलिक एवं निशांत कुमार मलिक की हुई। दरभंगा घराने की 13 पीढी के ध्रुपद गायक पंडित प्रशांत एवं निशांत मलिक ने अशोक जमनानी द्वारा लिखित एवं राग जोग में सुरताल बद्ध रचना 'कृपालम महाकाल भस्मांग साजे'…. से शुरूआत की। तत्पश्चात राग शंकरा चौताल में गौरी पति विश्वनाथ खबर लो हमारी….प्रस्तुत की।
मलिक बंधु ने राग किरवानी में शंकर शिव भोले विश्वरूप महादेव' ....से की। इनके साथ दरभंगा घराने के वरिष्ठ पखावज वादक पंडित अनिल चौधरी तथा तानपुरे पर विशाल एवं सुश्री अंकिता गीते ने संगत दी।
सं नाग
वार्ता