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गांवों को सशक्त करके ही देश को बनाया जा सकता है मजबूत : ओम बिरला

गांवों को सशक्त करके ही देश को बनाया जा सकता है मजबूत : ओम बिरला

लखनऊ, 17 जनवरी(वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिये व्यवस्था में बदलाव किये जाने का आह्वान करते हुये कहा कि गांवों को सशक्त करके ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है।

श्री बिरला ने शुक्रवार को यहां “प्रगतिशील कृषक सम्मेलन” समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। इस श्रम को कम करने और पैदावार बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई कदम उठाए हैं, यदि किसानों को अपनी उपज की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग मिल जाती है, तो उन्हें अधिक लाभ होगा।

उन्होंने कहा कि गांवों को सशक्त करके ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री किसानों की आय को 2022 तक दो गुना करने के लिए संकल्पित है। कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जहां सर्वाधिक मानव संसाधन की आवश्यकता है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सर्वांगिण विकास के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाई है। जिसके कारण राज्य की तस्वीर बदली है। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कृषकों के इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर गर्व की अनुभूति हो रही है। भारत ग्राम प्रधान देश है। इसलिए गांवों को सशक्त करके ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है। कृषि रोजगार देने वाला एक प्रमुख सेक्टर है। कृषकों को मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन मधुमक्खी पालन तथा रेशम कीट जैसे क्षेत्रों में भी सम्भावनाओं को तलाशना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत की साख विश्व में बन रही है। इसलिए भारत को एक बड़ा बाजार भी उपलब्ध हो रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिला तथा समाज के सभी तबके के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने भी केन्द्र सरकार की योजनाओं को लागू किया है। देश में नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। देश ने नये भारत का सपना साकार किया है। इसका केन्द्र बिन्दु किसान है। शासन की योजनाओं का सर्वाधिक लाभ किसान को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि पहली बार किसान सरकार के एजेण्डे में सबसे ऊपर है। इसी का परिणाम है कि कृषि से कृषकों का पलायन रूक गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रोक्योरमेन्ट योजना के तहत किसानों से खरीद की जा रही है। इस वर्ष 50 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय इस नीति के तहत किया गया है। ढुलाई व छिनाई के लिए अतिरिक्त पैसा भी मण्डी परिषद के माध्यम से दिया जा रहा है। किसानों को प्रति कुन्तल 1855 रुपए का भुगतान उनके खाते में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को अब तक 82 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार आलू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।

भंडारी

जारी वार्ता

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