प्रयागराज,20 नवम्बर (वार्ता) कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने कहा कि वह सेना के वीर जवानों को सैल्यूट करते हैं जिन्होने चार पाकिस्तानी आतंकवादियों सहित ट्रक को उड़ाकर देश को एक बड़े हादसे से बचा लिया।
श्री तिवारी ने शुक्रवार को अपने आवास पर कहा कि गुरूवार को चार पाकिस्तानी आतंकवादी एक ट्रक में सवार होकर जम्मू से कश्मीर जाते हए, जिसमें बड़ी मात्रा में अस्त्र-शस्त्र थे, सेना के वीर जवानों ने उन्हें मौत के घाट उतार कर देश को एक बड़े हादसे से बचा लिया, इसके लिए उन्हे शत शत नमन है।
उन्होने कहा कि गुरूवार शाम एक खबर चली कि पाक अधिकृत कश्मीर में सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की है हालांकि बाद में सेना ने इस खबर का खंडन कर दिया लेकिन इस फर्जी न्यूज को किसके इशारे पर चलाया गया, क्यों चलाई गयी, इसके पीछे कौन था, इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होने कहा कि जो इसका सूत्र और सूत्रधार था और जो इसका लाभ लेना चाहता था, जांच में उसे सामने लाया जाना चाहिए और देश को बताना चाहिए कि देश को गुमराह करने वाला कौन था। इस भ्रामक और झूठी खबर का सूत्रधार कौन था, उसकाे कौन सा राजनैतिक, आर्थिक या अन्य लाभ सिद्ध होने वाला था।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि दीपावली के ठीक पहले खबर आयी थी कि भारत-चीन के बीच यह समझौता हुआ है कि चीन की सेना अपने सभी अनाधिकृत निर्माण को हटा लेगा और दो किलोमीटर उसकी सेना पीछे चली जायेगी मगर दूसरे ही दिन “चीन सरकार” के अधिकृत समाचार पत्र ने इसका खण्डन किया। ऐसा दावा भारतीय सेना ने अभी तक नहीं किया है कि चीन ने अनाधिृकत निर्माण हटा लिये अथवा उसकी सेना पीछे हटी।
उन्होने कहा कि देशवासियों को एक और खबर चिंतित करती है कि भूटान, जिसकें सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत की है, और देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने संधि की थी कि बाहरी आक्रमण से भूटान की सुरक्षा भारत करेगा। आज चीन दो मील भूटान के अन्दर आकर एक पूरा गांव बसा लिया है, यह भूटान की सम्प्रभुता पर अतिक्रमण है। सामरिक दृष्टि से इसका और भी अधिक महत्व बढ़ जाता है क्योंकि यह ‘डोकलाम” के निकट है और भूटान से संधि का उल्लंघन है। देश इसकी सच्चाई जानना चाहता है।
श्री तिवारी ने कहा “ सेना के गौरवशाली इतिहास, उसकर क्षमता- दक्षता, शौर्य और अभूतपूर्व साहस को नमन करता हूं। यदि सेना को निर्देश दिया जाय तो यह चीनी अतिक्रमण को हटाकर देश का “तिरंगा झण्डा” लहरा सकता हैं।”
दिनेश प्रदीप
वार्ता