भोपाल, 09 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला सर्वसम्मति से आया है और इसका वे भी सम्मान करते हैं।
श्री कमलनाथ ने यहां संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि फैसले के मद्देनजर किसी भी प्रकार के उत्साह, जश्न और विरोध का किसी को भी हिस्सा नहीं बनना चाहिए। यह प्रदेश हम सभी का है और हम सभी को आपसी भाईचारा, अमन चैन और सद्भाव बनाए रखना है। यह जिम्मेदारी सिर्फ राज्य सरकार की नहीं, बल्कि हम सभी की है।
उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आज उनकी चर्चा हुयी है। केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया कराने की पेशकश की है, लेकिन मध्यप्रदेश को फिलहाल इसकी आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर ठोस उपाय किए हैं और पुलिस इस पर बेहतर ढंग से कार्य कर रही है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि राज्य में शांति बनी हुयी है। किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं हैं। पांच छह छिटपुट घटनाएं सामने आयी हैं, लेकिन उनमें से भी एक दाे का तो इस फैसले से कोई लेनादेना नहीं है।
एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि फैसले को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति ने अपना पक्ष रख दिया है और यही उनका भी रुख है।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने दोहराया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस प्रशासन ने पुख्ता उपाय किए हैं और आगामी एक दो दिनों को लेकर भी स्थितियों के अनुरूप पुलिस प्रशासन स्वयं निर्णय लेगा। इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्री कमलनाथ ने बताया कि उन्होंने आज का मंडला और जबलपुर का दौरा निरस्त कर दिया है और वे कल इंदौर भी नहीं जाएंगे।
श्री कमलनाथ ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में सालों से था। उसने अपना दायित्व पूरा कर दिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि फैसला सर्वसम्मति से आया है और यह विवादित फैसला नहीं है। इसके अलावा सभी दलों ने पहले ही कहा था कि अदालत का जो भी फैसला आएगा, वो पूरा देश स्वीकार करेगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय का जो भी आदेश है, केंद्र सरकार के पास उसका पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म राजनीति का विषय नहीं है। वे तो पहले से ही कहते आ रहे हैं कि धर्म को राजनीतिक मंच पर नहीं ला सकते हैं।
प्रशांत
वार्ता