उज्जैन, 04 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश की प्राचीन एवं धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान नागचन्द्रेश्वर का एक ऐसा मंदिर जो वर्ष में केवल एक दिन 24 घंटे के लिए नागपंचमी के अवसर पर आम दर्शनार्थियो के लिये खुलता है। जिसके पट अाज मध्य रात्रि से विशेष पूजा अर्चना के बाद दर्शनार्थियों के लिए खोले जायेंगे।
नागपंचमी का पर्व कल मनाया जायेगा, जिसमें देश के कोने-कोने से काफी संख्या में श्रद्धालु भगवन नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए आयेंगे। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। इस अनूठे एवं दुर्भल मंदिर का पट खुलने के पूर्व ही हजारों दर्शनार्थियो की कतार लगना शुरु हो जायेगी। मंदिर के पट कल रात्रि 12 बजे तक खुले रहेंगे।
मंदिर सूत्रों ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार चौबीस घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते है। हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के इस मंदिर में 11 वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा है, प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं।
माना जाता है कि, पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान श्री भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजित है। साथ में दोनों के वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।
मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। यह मंदिर काफी प्राचीन है। माना जाता है कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद सिंधिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। उस समय इस मंदिर का भी जीर्णोद्धार हुआ था।
नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। आज रात्रि पट खुलने के पश्चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत प्रकाशपुरी एवं कलेक्टर एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जायेगा। नागपंचमी पर्व पर अपरान्ह 12 बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा और प्रबंध समिति द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात श्री नागचन्द्रेश्वर की पूजन आरती मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जायेगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार नागपंचमी पर्व को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमले के साथ मंदिर के संपूर्ण परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता, संभागायुक्त अजीत कुमार, डी.आई.जी. अनिल शर्मा, कलेक्टर शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर सहित अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
नागपंचमी पर्व पर बाबा महाकाल और भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इनकी कतारें भी अलग होंगी। रात में भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की दर्शन की आस पूरी होगी। लगभग दो लाख से ज्यादा भक्त एक ही दिन में नागदेव के दर्शन करते हैं।
सं बघेल
वार्ता