गोरखपुर,18 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि सांस्कृतिक भारत की पुनर्प्रतिष्ठा का युग प्रारम्भ हो चुका है और उसका पूर्वाभास देश की जनता को हो रहा है।
श्री योगी बुधवार को गोरखपुर मंदिर परिसर में अपने गुरू को ब्रहमलीन दिग्विजय नाथ और ब्रहमलीन राष्ट्र संत महंत अवेद्यनाथ सप्तदिवसीय श्रद्धान्जलि समारोह के समापन अवसर पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एक नये युग के भारत की आप सभी को सुनाई दे रही होगी मगर देश की जनता सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रयत्नों के साथ खड़ी हो और हम एक साथ मिलकर भारत को परमवैभव का प्रतिष्ठित स्थान दिलाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी विषय जन आन्दोलन का हिस्सा बनता है तभी वह पूर्ण होता है।
उन्होंने गो-संरक्षण, गो-संवर्धन एवं प्लास्टिक का उपयोग न करने का आहवान करते हुए कहा कि सरकारे अपना प्रयत्न कर रहीं है लेकिन जनता भी को आगे आकर काम करना होगा। संतो के प्रवचन के ये विषय भी पर्यावरण, जल
संरक्षण,उर्जा संरक्षण, प्लास्टिक का उपयोग न करने इत्यादि होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि संस्कृत केवल पूरोहिती का विषय न रहे बल्कि हमारे प्राचीनतम ज्ञान-विज्ञान के शोध का विषय हो। उन्होंने आश्रमों का आहवान किया कि समृद्धशाली गौशाला बनाये ताकि गो-संवर्धन और गो- संरक्षण हो सके। भारत की ऋषि एवं कृषि परम्परा को अपने परम्परागत रूप के साथ कायम रखने के लिए पालीथीन का निषेध होना चाहिए, क्योंकि पाॅलीथीन से कृषि का नुकसान होता ही है साथ ही गायें जो हमारी ऋषि परम्परा की वाहक
हैं, के लिए बहुत हानिकारक हैं।
उदय त्यागी
जारी वार्ता