झांसी 25 सितंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी में उद्योग विभाग की ओर से लगायी गयी तीन दिवसीय “ एक जिला, एक उत्पाद” प्रदर्शनी में सॉफट टॉयज़ के शिल्पियों के साथ हैंडलूम से जुड़े बुनकरों को भी हिस्सेदारी दी गयी। प्रदर्शनी का हिस्सा बनकर बुनकरों ने उम्मीद जतायी कि उन्हें भी अब इस योजना के तहत लाभ मिल पायेगा और उनके उत्पाद अपने खाेये गौरव को फिर से प्राप्त कर सकेंगे।
अर्बन हाट पर 23 से 25 सितंबर तक वोकल फॉर लोकल के तहत ओडीओपी उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री का आयोजन किया गया। झांसी में ओडीओपी के तहत कुछ समय पहले तक सॉफ्ट टॉयज शामिल था जबकि अब इसमें वस्त्र उद्योग को भी शामिल किया गया है। ओडीओपी के प्लेटफार्म पर पहली बार झांसी के बुनकर अपने उत्पादों के साथ दिखाई दिए। बुनकरों में अब एक नई उम्मीद जागी है और वे उत्साहित भी दिखाई दे रहे हैं।
प्रदर्शनी में हिस्सा लेने आये बुनकर मनोहर लाल ने बताया कि झांसी के रानीपुर और आसपास के इलाकों में खादी, टेरीकाट, सूती कपड़ों का काम बड़े पैमाने पर होता था, लेकिन 1995 के बाद इस काम से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया था। कभी झांसी में 20,000 से ज्यादा लोग इस काम से जुड़े थे जबकि इस समय 4,000 के करीब लोग इस काम में बचे हैं। अब ओडीओपी में इसे शामिल किये जाने के बाद उम्मीद जागी है कि जनपद के बुनकरों को सुविधाएं और संसाधन मिलेंगे, जिससे हमारा धंधा फिर से बेहतर हो जाएगा।
प्रदर्शनी में शामिल एक अन्य बुनकर भगवान दास ने कहा “ ओडीओपी योजना में शामिल होने के बाद कई तरह के फायदे होंगे। हमें प्रदर्शनी और बिक्री के लिए ओडीओपी का प्लेटफार्म मिलना शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में सरकार की ओर से तकनीकी व अन्य तरह की मदद से हमारा व्यवसाय आगे बढ़ सकेगा। राम सेवक बताते हैं कि चादर, तौलिया, बेडशीट, कुर्ते के कपड़े, खादी का कुर्ता पायजामा जैसे उत्पाद प्रमुखता से तैयार करते हैं लेकिन हमारे क्षेत्र में कैलेन्डरिंग प्लांट नहीं है। इसकी स्थापना के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और अब इसके शुरू हो जाने की हमें उम्मीद है। इसके लग जाने से हमारे कपड़ों की फिनिशिंग बेहतर हो जाएगी और बाजार में हमारे कपड़ों की मांग बढ़ जाएगी।”
उद्योग विभाग के उपायुक्त मनीष चौधरी बताते हैं कि क्राफ्ट मेला मैदान पर तीन दिनों की इस प्रदर्शनी में सॉफ्ट टॉयज शिल्पियों के साथ ही बुनकरों ने भी हिस्सेदारी निभाई है। जिले के बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास हो रहे हैं। रानीपुर में सामान्य सुविधा केंद्र बनाया जाना है और इसके तहत कैलेन्डरिंग प्लांट व अन्य सुविधाएं बुनकरों को उपलब्ध हो सकेंगे। बहुत जल्द इसके डीपीआर का काम शुरू होना है।
सोनिया
वार्ता