लखनऊ 13 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन गुरूवार को विपक्षी सदस्यों ने कानून व्यवस्था की बदहाल हालात,किसानो की समस्या और बेरोजगारी की समस्या का आरोप लगाते हुये जोरदार हंगामा किया।
सदस्य नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का भी विरोध कर रहे थे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा),बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते रहे और पोस्टर और प्लेकार्ड लहराते रहे। विपक्षी सदस्य सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की मांग कर रहे थे। उन्होने रसोई गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोत्तरी की भी भर्त्सना की।
‘कानून व्यवस्था त्रस्त है,योगी बाबा मस्त है’, ‘अभी दिल्ली हारी है अब यूपी की बारी है’, ‘किसान विरोधी यह सरकार नहीं चलेगी नहीं चलेगी’ जैसे नारों के बीच श्रीमती पटेल ने अपना भाषण 55 मिनटों में पूरा किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ विपक्षी सदस्य प्लेकार्ड उलटे पकड़े हुये थे जिसे राज्यपाल ने मुस्कराते हुये सीधा करने की नसीहत दी। विपक्षी सदस्य 2021 की जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी को शामिल करने की मांग कर रहे थे।
राज्यपाल द्वारा सरकार की उपलब्धियों का बखान करते समय सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने
विपक्ष की चुटकी लेते हुये उन्हे अपनी सीटे कस कर पकड़े रखने को कहा । बाद में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिये राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त किया।
राज्यपाल के संबोधन के दौरान बसपा की महिला सदस्य प्लेकार्ड के साथ सेल्फी लेती नजर आयी जिस पर सदन में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हे ऐसा करने से मना किया।
प्रदीप
जारी वार्ता