लखनऊ, 02 नवम्बर (वार्ता) तीर्थराज प्रयाग और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी समेत समूचे उत्तर प्रदेश में शनिवार को सूर्योपासना के महपर्व के मौके पर आस्था का सैलाब हिलोरें मारता रहा।
गंगा,यमुना समेत विभिन्न नदियों और सरोवरों में व्रतधारी महिलाओं ने अस्ताचलामी सूर्य को अर्ध्य देकर परिवार में समृद्धि और सुख शांति की कामना की। रविवार को दूसरा अर्ध्य उगते हुए सूर्य को देकर व्रत की पुर्णाहुति की जायेगी। इस मौके पर घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था जहां देर रात तक मेले जैसी छटा देखने को मिली।
‘कांचहि बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए दर्शन दीन्हीं ना अपन ये छठी मइया’ जैसे गीत गाकर महिलाओं ने सूर्य की उपासना की। महिलाओं ने गन्ने के मंडप सजाकर उसमें विभिन्न प्रकार के फलों और पकवानों को रखकर पूजा-अर्चना की। सूर्य देव के अस्त होने से पहले महिलाओं ने अर्घ्य दिया और दीपदान भी किया। दीपों की राेशनी से नदी सरोवर जगमगा उठे।
प्रयागराज,लखनऊ,कुशीनगर,देवरिया,गोरखपुर,बलिया और बस्ती समेत अधिसंख्य इलाकों में छठ पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। तीर्थराज प्रयाग में छठ के अवसर पर पवित्र पावनी गंगा और श्यामल यमुना के विभिन्न घाटों पर अस्ताचलामी सूर्य को अर्ध्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमड़ पड़ी।
टीम प्रदीप
जारी वार्ता