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कुम्भ में अविरल और निर्मल गंगा का प्रवाह:योगी

कुम्भ में अविरल और निर्मल गंगा का प्रवाह:योगी

कुम्भ नगर, 29 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम मिशन ‘नमामि गंगे परियोजना’ के परिश्रम के कारण गंगा की अविरलता और निर्मलता कुम्भ में देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड़ कमांड एंड कन्ट्रोल सेन्टर में पहली बार हुई कैबिनेट की बैठक खत्म करने के बाद मीडिया सेन्टर में संवाददाताओं से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहां विश्व को एक स्वच्छ कुम्भ का संदेश देने में हम लोग सफल हो पाए हैं, वहीं मां गंगा के प्रति पधानमंत्री की जो आस्था है, उस आस्था का परिणाम आज कुम्भ में सभी को देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि परिवर्तन के कारण ही वाराणसी में हाल ही में हुए तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के उपरांत तीर्थराज प्रयाग में गंगा की अविरलता और निर्मलता को देखते हुए मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने कुम्भ में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई जबकि पिछले कुम्भ में संगम तट आने के बावजूद गंदगी देख उन्होंने आचमन तक नहीं किया था ।

श्री योगी ने कहा कैसे परिवर्तन होता है हम उसे देख सकते हैं। श्री जगन्नाथ जिस आस्था पूर्वक संगम तट पहुंचे थे, उन्होंने उसी आस्था से संगम स्नान भी किया। इसके अलावा तीन हजार से अधिक प्रवासी भारतीयों ने भी त्रिवेणी के संगम में आस्था के गोते लगाये थे। परिवर्तन के कारण ही तीर्थराज प्रयाग में 71 देशों के राजदूत भी आए जिन्होने कुम्भ का अद्भुद नजारा देखा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयास से कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता मिली। दुनिया के 70 से अधिक देशों के राजदूतों ने प्रयागराज में आकर अपने-अपने राष्ट्र ध्वज को कुम्भ में स्थापित किया है। उन्होंने कहा, “450 वर्ष के लम्बे काल खण्ड के बाद अक्षय वट का दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसबार का कुम्भ अलौकिक और यूनिक इवेंट के रूप में प्रस्तुत किया गया हैै, वह सराहनीय है। प्रयागराज का कुम्भ अनेक कारणों से सर्वोत्तम है इसलिए हम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहेंगे।

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