चंडीगढ़, 26 जून(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति एक वैश्विक समस्या बनती जा रही है और सभी को राजनीति से ऊपर उठकर, सांझा रणनीति बनाकर तथा समाज की भागीदारी बढ़ाकर युवाओं की मानसिक स्थिति को सुधारना होगा तभी एक सभ्य समाज का निर्माण करने के साथ इस समस्या से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकता है।
श्री खट्टर ने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ विरोध दिवस के अवसर पर आज यहां राज्य पुलिस द्वारा आयोजित उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुखों की समन्वयक बैठक को सम्बोंधित करते हुये यह बात कही। बैठक में मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी रणनीति तैयार करने के लिए तीन सूत्रीय फार्मूला अपनाने पर सहमति हुई जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के अपराध एवं नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए तैयार सॉफ्टवेयर अपनाकर जांच अधिकारियों को ई-लर्निंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे पूरी तैयारी के साथ न्यायालय में मामला प्रस्तुत कर सकें।
बैठक में इसके अलावा, नशे की गिरफ्त फंसे लोगाें के उपचार, प्रवर्तन तथा जागरूकता बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी एवं इसका कारोबार को रोकने के लिए राज्यों की सीमाएं कोई मायने नहीं रखतीं। ऐसे में इस साझी समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिये नशा तथा इसका व्यापार करने वालों के बारे में सूचनाओं का आदान प्रदान करना सार्वजनिक भागीदारी बढ़ानी होगी और सूचना देने वालों को प्रोत्साहित करना होगा। इसके लिए अलग से कोष की व्यवस्था की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के तस्करों को समाज की समृद्धि से कोई लेना-देना नहीं उन्हें तो अपना कारोबार करने से मतलब है। उन्होंने कहा कि नशे के कारोबारी को कठोरतम दंड सुनिश्चित करने के लिये अगर कानून में संशोधन करना पड़े तो सरकार इसे करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं। उनका रूझान खेलों की ओर करने के लिये 1000 से अधिक योग एवं व्यायामशालाएं खोली हैं। पुलिस ने राहगीरि के कार्यक्रम चलाए गए हैं। इसके अलावा, हरियाणा कला परिषद के माध्यम से भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हरियाणा योग परिषद का गठन किया गया है ताकि योग से युवाओं को अधिकाधिक जोड़ा जा सके।
श्री खट्टर ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या भी युवाओं में नशे का एक कारण है तथा इसके लिए राज्य सरकार युवाओं को अधिकाधिक रोजगार उपलब्ध कराने की नीति बना रही है ताकि कोई भी युवा बेरोजगार न रहे। उन्होंने कहा कि सिरसा में ‘‘रन अगेंस्ट ड्रग्स “ मैराथन का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50,000 से अधिक युवाओं ने भाग लेकर एक रिकॉर्ड बनाया और समाज में नशे के खिलाफ लड़ऩे का एक सार्थक संदेश दिया। इसके अलावा राज्य सरकार की पहल पर नशाखोरी से प्रभावी ढंग से निपटने और अंकुश लगाने के लिए उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक अगस्त, 2018 को आयोजित की जा चुकी है। अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों की अगली बैठक बुलाई है।
रमेश2030वार्ता