राज्यPosted at: Sep 18 2018 5:52PM हाईकोर्ट की बिना सहमति के है प्रतिवाद दिवस का आह्वान
जबलपुर, 18 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के वकीलों की ओर से आज मनाये जा रहे प्रतिवाद दिवस के तहत अधिवक्ता संघो के न्यायालयीन कार्य से विरत रहने के संंबंध में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा है कि ये आह्वान उनकी सहमति के बगैर किया गया है।
मप्र हाईकोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग ने एक प्रस्ताव पारित कर मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद को पत्र भेजकर कहा है कि वकीलों की हड़ताल के संबंध में एडवोकेट प्रवीण पांडे की ओर से दायर मामले में जो दिशा-निर्देश दिये गये है, उसका पालन सुनिश्चित कराया जाये।
मप्र हाईकोर्ट के प्रशासनिक रजिस्ट्रार सतीश चंद्र राय के नाम से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अधिवक्ता संघों के न्यायलयीन कार्य से विरत रहने के आह्वान संबंधी प्रस्तुत पत्र पर हाईकोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई गई। फुल कोर्ट मीटिंग ने स्पष्ट किया कि बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा पांच सितंबर को जारी पत्र में केवल बार के सदस्यों व आम जनता को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। इस पत्र में न्यायालयीन कार्य से विरत रहने का कोई आह्वान नहीं किया गया है।
सं गरिमा
वार्ता