लखनऊ 25 जुलाई (वार्ता)नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार के उदासीन रवैये के कारण जांच के लिये नमूनों के परीक्षण के लिये उत्तर प्रदेश के लखनऊ, आगरा, वाराणसी और गाजियाबाद में आधुनिक उपकरणों एवं प्रशिक्षित लोगों की कमी के कारण कई मामले अधर में लटके पडे है कैग की रिपोर्ट को पिछले सप्ताह विधानसभा में रखा गया । इसका अध्यन एक सप्ताह के भीतर किये जाने की उम्मीद की जा रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षण को लेकर अनुरोध पत्रों की बढती संख्या से निपटने के लिये फॉरेंसिक साइंस लैंब में संसाधनों की कमी है। जांच के लिये भेजे गये नमूनों की सख्या बढती जा रही है। लखनऊ, आगरा और वाराणसी के लैबों में जांच के लिये मिले अनुरोध पत्रों की संख्या गत मार्च तक 6,617 से बढकर 15,052 हो गयी है। लखनऊ के लैंब में जहां जनवरी 2011 तक 1342 मामले लंबित थे वही दिसम्बर 2015 तक इसकी संख्या बढकर 7671 हो गयी है। इसमें जांच के लिये 4113 नमूने मामले डीएनए के है। भंडारी नरेन्द्र रवीन्द्र जारी वार्ता