राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 2 2019 3:04PM राजस्थान विधानसभा में गाय को लेकर शोरगुल
जयपुर 02 अगस्त (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में आज गैर सरकारी संकल्प के दौरान गाय को लेकर पक्ष विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक होने से शोरगुल हुआ।
सदन में विधायक शकुंतला राव ने गैर सरकारी संकल्प के दौरान गाय के संरक्षण को लेकर संकल्प प्रस्तुत किया कि “यह सदन सकंल्प करता है कि राज्य सरकार जनसहयोग से संचालित गौशालाओं के लिए जमीन, किसी भी किस्म की हो, उसका रजिस्ट्रेशन एवं रजिस्ट्री तहसील स्तर पर करने का प्रावधान करे” इसके बाद इस पर हो रही चर्चा के दौरान श्रीमती राव ने गाय की महिमा एवं उसके फायदे बताते हुए गौशालाओं का तहसील स्तर पर रजिस्ट्रेशन किये जाने की बात कही। इस दौरान प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि श्रीमती राव ने गाय के बारे में बहुत अच्छी बात कही, लेकिन यहां तो गाय को जानवर तक कह दिया गया। इस पर पक्ष के सदस्यों ने कहा कि वीर सावरकर ने पुस्तक में यह कहा है, वह ही कहा गया है। इसके बाद पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक एवं जोर जोर से बोलने से शोरगुल शुरु हो गया।
विपक्ष के कुछ सदस्य एक बार तो वेल में आ गये लेकिन सभापति राजेन्द्र पारीक के वापस अपनी जगह भेजने पर मामला शांत हुआ। इस दौरान प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि संकल्प के दौरान इस तरह की चर्चा नहीं होनी चाहिए। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि उनका नाम लेकर कहा गया है इसलिए वह कह रहे है कि सदन में पिछले दिनों अनुदान मांगों की चर्चा के समय उन्होंने सावरकर के पुस्तक में कही बात को ही उन्होंने कहा था। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि उस पुस्तक को सदन की मेज पर रखा जाना चाहिए।
बाद में श्री पारीक ने कहा कि सदस्य संकल्प के प्रति गंभीर नहीं हैं और सदन में इस दौरान बार बार इस तरह का जिक्र नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपेक्षा है कि संकल्प के दौरान सदस्य अपनी बात गंभीर होकर करेंगे और बीच में दूसरी बात नहीं करेंगे।
संकल्प के दौरान श्री राठौड़ ने पशुधन को देश के आर्थिक विकास का मेरुदंड बताते हुए कहा कि आज गौचर एवं औरण भूमि पर अतिक्रमण हो रहे है। उन्होंने सुझाव दिया कि गौचर और औरण भूमि का अभियान चलाकर सीमांकन किया जाना चाहिए तथा इसे मनरेगा के साथ जोड़ने बात की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में 2727 गौशालाएं है। उनमें 1363 को अनुदान मिलता है। उन्होंने गौशालाओं के लिए अस्थाई भूमि का आवंटन भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौचर में बनी गौशालाओं का तो पंजीकरण कर दिया जाना चाहिए। इस दौरान अन्य सदस्यों ने भी गाय के संरक्षण की बात कही।