ParliamentPosted at: Mar 29 2017 12:53PM राज्यसभा में छाया रहा किसानों का दु:ख-दर्द
नयी दिल्ली 29 मार्च (वार्ता) राज्यसभा में आज शून्यकाल के दौरान किसानों का दु:ख दर्द छाया रहा और संपूर्ण विपक्ष ने एक स्वर में कृषि ऋण माफ करने की माँग की जिस पर सरकार ने कहा कि खेती-किसानी की तकलीफों से वह अवगत है और किसानों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जायेगा। शून्यकाल के दौरान उप सभापति पी.जे. कुरियन ने भी सदन की चिंताओं से सहमति जताई और कहा कि सरकार को इस दिशा में कुछ करना चाहिये। इससे पहले सदस्यों ने संसद भवन के समक्ष तमिलनाडू के किसानों के धरने का मुद्दा उठाया और कहा कि किसानों की हालत इस कदर खराब हो गयी है कि वे चूहे खाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। समस्त विपक्षी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि किसानों के दु:ख-दर्द को समझते हुये उनका कृषि ऋण माफ किया जाना चाहिये। इस पर उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार को तमिलनाडु के किसानों की स्थिति की पूरी जानकारी है और उनके समस्त मुद्दों से अवगत है। तमिलनाडु में कावेरी जल विवाद, फसल बीमा और सिंचाई तथा तेल खनन से संबंधित मुद्दे हैं जिनका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह खुद, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, जल संसाधन मंत्री उमा भारती और तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेंद्र प्रधान किसानों से व्यक्तिगत रूप से मिल रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों को नुकसान नहीं होने दिया जायेगा और उनके हितों की रक्षा हर कीमत पर की जायेगी। सत्या अजीत जारी (वार्ता)