राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Dec 3 2019 8:40PM बुलंदशहर बलबे में इंस्पेक्टर की मौत मामले में आरोपी लोकेन्द्र की अर्जी खारिज
प्रयागराज,03 दिसंबर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खेतों में गोवंश के अवशेष पाए जाने को लेकर बुलंदशहर के में पुलिस पर भीड़ के हमले में स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत मामले में आरोपी लोकेंद्र को जमानत देने से इंकार कर दिया है।
न्यायालय ने कहा है कि युवा जोश किसी भीड़ को पुलिस अथारिटी पर हमले का लाइसेंस नहीं देता।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने यह आदेश दिया।
गौरतलब है तीन दिसम्बर 2018 को बुलंदशहर के सयाना थाना क्षेत्र में खेत में गौवंश अवशेष पाये जाने पर बलबा हुआ था। याची पर भीड़ के साथ लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, बलवा करने का आरोप है। जिसमें एक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।
राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता का कहना था कि वीडियो क्लिपिंग में याची के रोल को स्पष्ट किया गया है। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। याची का कहना था कि एफ आई आर में उसका नाम नहीं है। सब इंस्पेक्टर द्वारा अभियुक्तों का बयान दर्ज करने के आधार पर उसे नामित किया गया। याची का यह भी कहना था कि वह विकलांग है। ऐसी स्थिति में बल्बे में जो रोल उसका बताया जा रहा है, वह सही नहीं माना जा सकता। उसके पास से
किसी प्रकार की रिकवरी नहीं हुई है।
याची का यह भी कहना था कि एक अभियुक्त डेबिड सिंधू को जमानत दी जा चुकी है। इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
न्यायालय ने कहा कि पुलिस राज्य की संप्रभु प्राधिकारी है। जिस पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है। यदि ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई नहीं की गयी तो इससे अराजकता फैलेगी और पुलिस ऐसे बलबे पर कार्रवाई करने से
बचेगी।
न्यायालय ने कहा हर किसी को शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है,लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। विरोध प्रदर्शन के नाम पर भीड़ अराजक हो जाए और ऐसे कृत्य कर दे जिसमें पुलिस कर्मी की मौत हो और
सरकारी संपत्ति का व्यापक नुकसान हो। ऐसे मामले में पैरिटी नहीं दी जा सकती। न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
सं दिनेश त्यागी
वार्ता