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न्याय की प्रक्रिया सरल और निश्चित अवधि वाली हो: मौनी बाबा

न्याय की प्रक्रिया सरल और निश्चित अवधि वाली हो: मौनी बाबा

प्रयागराज,19 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में अमेठी के परमहंस आश्रम के महंत ने कहा है कि न्यायपालिका में लोगों को विश्वास होता है लेकिन किसी न्याय की प्रक्रिया इतनी जटिल और लम्बी ना हो कि लाभार्थी ही दुनिया से विदा हो जाए।

     कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी के परमहंस आश्रम के महंत मौनी बाबा ने कहा, “न्याय के लिए यदि न्यायपालिका देर रात खुल सकती है ताे मेरे लला (राम मंदिर) के लिए लगातार सुनवाई क्यों नहीं हो सकती है। दुनिया में कोई धार्मिक स्थान हाेगा जिसका मुकदमा ईश्वर लड़ रहे होंगे। दूसरों को संपन्नता देने वाला आज खुद एक तंबू में गुजर-बसर करने को मजबूर है।” उन्होंने कहा,“ प्रधानमंत्री सब को घर दे रहे हैं, एक मेरे राम को भी दें।

    महंत मौनी बाबा ने कुम्भ मेला में झूंसी स्थित अपने शिविर में कहा यदि किसी आतंकवादी के लिए देर रात तक न्यायपालिका चल सकती है तो क्या अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की लगातार सुनवाई कर इस विवाद को समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा,“ पिछले 28 वर्षों से श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए तीन करोड़ दीपक जला चुके हैं। इस बार 11 लाख दीपक जलाने का संकल्प लेकर कुम्भ आए हैं।”

      उन्होंने कहा “राम के नाम की सियासत बन्द कर दीजिए, एक बार हृदय की पीड़ाओं को देख लीजिए। बड़ा दर्द हो रहा है श्रीराम के तंबू में रहने से। एक बार मर्यादा पुरूषोत्तम के दर्द को जान लो और अपनी भावनाओं को पवित्र कीजिए। राजनीति करने की बजाए आस्था की बात कीजिए।” संवैधानिक मामला है न्यायालय में, तो क्या कई पुश्तों के बाद निर्णय होगा।

महंत ने कहा, “श्रीराम मंदिर निर्माण मामले में हो रहे बिलंब से आम जनमानस में न्याय को लेकर संसय होने लग रहा है। न्यायपालिका पर किसी को अंगुली उठाने का अधिकार नहीं है लेकिन न्याय की प्रक्रिया जटिल और लम्बी नहीं बल्कि सरल और निश्चित अविध वाली होनी चाहिए जिससे लाभार्थी को उसका लाभ मिल सके। 

       मौनी बाबा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ समेत मंदिर आंदोलन से जुडे अनेकों संत महात्मा शरीर छोड़ चुके लेकिन अभी तक न्याय की कोई किरण नहीं दिख रही है। किसी न /न किसी कारण से इसकी सुनवाई टल जाती है।

      महंत ने कहा कि देश में राम के नाम पर जो सियासत हो रही है, उसका कारण राम मंदिर नाम का वोट बैंक है। जिसमें विपक्ष में बोलने से विरोधियों का और पक्ष में बोलने पर समर्थकों का वोट मिलेगा। भगवान के नाम पर सियासत बन्द होनी चाहिए।

     महंत ने कहा कि ओछी सियासत से देश का गौरव नष्ट हो रहा है। देश के न्याय प्रणाली के प्रति लोगों में भ्रम पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कुम्भ मेले में आने वाले साधु- महात्माओं को कोई सुविधा दे या न/न दे लेकिन रामलला का मंदिर, गंगा का अविरल प्रवाह और वंदे मातरम चाहिए। भारत की अखण्डता और सपन्नता चाहिए।

       महंत ने कहा, “बन जाए रामलला का भव्य मंदिर भूमंडल पर अवध धाम की धरती पर स्वर्ग छा जायेगा और अस्मिता बढ़ जायेगी भारत के गौरव का भाजपा के सब दिन का दुर्दिन मिट जाएगा।”

दिनेश भंडारी

वार्ता

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