नयी दिल्ली, 05 दिसंबर (वार्ता) भारत में कोविड महामारी के दौरान जरूरतमंद बुजुर्गों से संपर्क करने और उन्हें मदद पहुंचाने में स्वैच्छिक संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हेल्पेज इंडिया द्वारा आठ राज्यों के अध्ययन के आधार पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है।
हेल्पेज इंडिया द्वारा स्वैच्छिक संगठनों एवं राज्य सरकारों की ओर से कोविड-19 के दौरान बुजुर्गों की देखभाल के लिए अपनाये गये अच्छे व्यवहारों पर दस्तावेजी रिपोर्ट में महामारी के दौरान परदे के पीछे के सार्थक प्रयासों को रेखांकित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी दिवस पर जारी इस रिपोर्ट में भारत में बुजुर्गों की आवश्यकताओं, चुनौतियों और प्रणालीगत सहायता तथा इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बरते जाने वाले अच्छे व्यवहारों का विश्लेषण किया गया है।
इस रिपोर्ट पर आयोजित परिचर्चा में केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव अमरजीत सिन्हा,राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के प्रो संतोष कुमार और वाणी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हर्ष जेटली ने जमीनी स्तर के अपने अनुभवों की जानकारी दी।
हेल्पेज इंडिया की नीति,अनुसंधान और सहायता प्रभाग की प्रमुख अनुपमा दत्ता ने इस मौके पर कहा,“ इस रिपोर्ट से विशेष रूप से आपात स्थितियों में बुजुर्गों की आवश्यकताओं पर कारगर तरीके से ध्यान दिये जाने के लिए वर्तमान व्यवस्थाओं में परिवर्तन शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
यूएनएफपीए की प्रतिनिधि एंड्रिया ओजनर ने कहा कि रिपोर्ट में “ दो बहुत महत्वपूर्ण पहलुओं-समुदायों से निकट संपर्क के कारण स्वैच्छिक संगठनों और समुदाय द्वारा महामारी के समय निभायी गयी शानदार भूमिका और विश्वास एवं नेटवर्क के पहलुओं को अच्छी तरह प्रस्तुत किया गया है। विश्वास एवं नेटवर्क के कारण सरकार के वृहत प्रयासों को बुजुर्ग व्यक्तियों तक पहुंचाने में मदद मिली जो जनसंख्या में सर्वाधिक असुरक्षिति वर्ग है। ”
श्रवण.मनोहर
वार्ता