अहमदाबाद, 08 मार्च (वार्ता) भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा और ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ की टीमें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे और आखिरी टेस्ट में नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर गुरुवार से आमने-सामने होंगी।
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम पर उतरते हुए भारत का लक्ष्य होगा कि वह मुकाबला जीतकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह पक्की करे, जबकि स्टीव स्मिथ अपनी कुशल कप्तानी से सीरीज को 2-2 से ड्रॉ करवाना चाहेंगे।
आज से ठीक दो हफ्ते पहले जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट में छह विकेट की करारी मात दी थी तब दोनों टीमों को लेकर क्रिकेट पंडितों का नजरिया अलग था। पिच की पेचीदगियों से लेकर स्पिन के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की अकुशलता के कारण सभी ने लगभग मान लिया था कि भारत यह सीरीज 4-0 से जीतने वाला है, हालांकि इंदौर टेस्ट ने काफी-कुछ बदल दिया।
ऑस्ट्रेलिया ने मैथ्यू कुह्नेमन और नेथन लायन की फिरकी में फंसाकर भारत को नौ विकेट से परास्त किया, जिसके बाद कंगारू भारत में सीरीज ड्रॉ करवाने का सपना देख रहे हैं।
पिछले एक दशक में घरेलू परिस्थितियों में भारत के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए सीरीज ड्रॉ कराना बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। साल 2017 में हुई रोमांचक बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-2 से हारकर घर लौटने वाले स्मिथ इस बार जरूर यह उपलब्धि हासिल करना चाहेंगे।
भारत टीम को आत्मविश्वास और ऊर्जा से लबरेज़ ऑस्ट्रेलियाई टीम को रोकने के लिये अपने मूलमंत्र की ओर लौटना होगा। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी को अहमदाबाद में एक औसत भारतीय पिच की उम्मीद होगी जहां वे अपनी अनुशासनात्मक स्पिन से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को पीछे छोड़ना चाहेंगे। अगर अहमदाबाद की पिच भी इंदौर की तरह टर्न लेने वाली हुई तो भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों के कौशल के बीच की खाई निश्चित ही समाप्त हो जायेगी।
भारत के निचले क्रम ने इस सीरीज में बल्ले से लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अहमदाबाद के अति महत्वपूर्ण मैच में ऊपरी क्रम को भी अपना जौहर दिखाना होगा। कप्तान रोहित शर्मा पहले टेस्ट में शतक जड़कर शांत हो गये हैं, जबकि केएल राहुल की जगह टीम में आये शुभमन गिल भी इंदौर में कुछ खास नहीं कर सके। अहमदाबाद में शुरुआत से ही पकड़ मज़बूत करने के लिये भारत को सलामी जोड़ी के चमकने की जरूरत होगी।
स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का बल्ला भी लंबे समय से खामोश है। उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट में भले ही अपनी लय हासिल कर ली है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की पिछली 10 पारियों में वह 19.55 की औसत से 176 रन ही बना सके हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि कोहली एक उच्च श्रेणी के बल्लेबाज हैं, लेकिन टेस्ट टीम में अपने चयन को जायज़ ठहराने के लिये उन्हें अहमदाबाद में रन बनाने होंगे।
टीम प्रबंधन चौथे टेस्ट के लिये किस विकेटकीपर को चुनता है यह भी देखने लायक होगा। श्रीकर भरत ने अब तक सीरीज में शानदार विकेटकीपिंग करने के अलावा दिल्ली टेस्ट में महत्वपूर्ण रन भी बनाये। इसके अलावा डीआरएस से संबंधित फैसलों में भी भरत काफी हद तक सफल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, भारतीय टीम चौथे टेस्ट के लिये भरत की जगह ईशान किशन को खिलाने पर विचार कर रही है। ऐसी सीरीज में जहां प्रमुख बल्लेबाज रन बनाने में संघर्ष कर रहे हैं वहां एक युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को सिर्फ तीन टेस्ट के बाद बाहर बैठाना एक तरह की नाइंसाफी होगी।
दूसरी ओर, स्टीव स्मिथ की टीम ऐतिहासिक सीरीज ड्रॉ के लिये उत्साह के साथ मैदान पर उतरेगी। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय सरजमीन पर पिछली बार 2004 में टेस्ट सीरीज जीती थी और उसके बाद से उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा है। इस बार नतीजा ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में करने के लिये टॉड मर्फी, नेथन लायन और मैथ्यू कुह्नेमन महत्वपूर्ण साबित होंगे।
पहले टेस्ट में बाहर रहने के बाद ट्राविस हेड ने भी तेजी से रन बनाकर भारत पर दबाव बनाया है। अहमदाबाद की अपेक्षाकृत कम टर्न होने वाली पिच पर हेड की यह रणनीति कारगर साबित हो सकती है। उस्मान ख्वाजा ने भी अपनी सराहनीय तकनीक का प्रदर्शन करते हुए दिल्ली और इंदौर में दो अच्छी पारियां खेली हैं। स्मिथ को उम्मीद होगी कि टीम के अन्य बल्लेबाज और वह खुद भी अहमदाबाद में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। अगर ऑस्ट्रेलिया का निचला क्रम अपेक्षाओं पर खरा उतरता है तो वह भारत को उसी की सरजमीन पर एक और हार सौंपने की क्षमता रखता है।
शादाब, उप्रेती
वार्ता