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माउंट आबू में 1971 भारत-पाक युद्ध में अपना जलवा दिखाने वाले टैंक का होगा दीदार

माउंट आबू में 1971 भारत-पाक युद्ध में अपना जलवा दिखाने वाले टैंक का होगा दीदार

माउंट आबू 15 मई (वार्ता) राजस्थान में पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू आने वाले देशी विदेशी शैलानी अब 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपना जलवा दिखाने वाले टी-55 टैंक के दीदार का आनंद ले सकेंगे।

स्थानीय प्रशासन, आर्मी एवं नगर पालिका के संयुक्त तत्वावधान में इसके लिए नक्की झील परिक्रमा पथ स्थित कानोरा घाट के समिप दयानंद गार्डन में यह टैंक सार्वजनिक अवलोकनार्थ स्थापित किया गया।

उपखंड अधिकारी कनिष्क कटारिया, पालिका अध्यक्ष जीतू राणा, कर्नल मनोहा, कैप्टन पार्थ एम राउत, मेजर गोपाल दत्त, नायेक सुब्बा राजेंद्र, नायेक जीतेंद्र, अमित सिंह, विपिन सिंह, अमित मेहरा, पालिका राजस्व अधिकारी जीतेंद्र व्यास, राजकिशोर शर्मा, समेत बडी संख्या में पर्यटक एवं नागरिकों की उपस्थिति में 36 टन वजनी टैंक का अनावरण किया गया। जिसकी लोग बडी संख्या में सेल्फी लेकर यादगार के रूप में अपने मोबाईल कैमरों में कैद कर रहे है।

सैन्य शौर्य, वीरता का इतिहास याद दिलाएगा यह टैंक पर्यटन स्थल माउंट आबू पर स्थपित यह टैंक स्थानीय नागरिकों एवं पर्यटकों को सैन्य शौर्य, वीरता का इतिहास याद दिलाएगा। जनकारों के अनुसार टी-55 टैंक को भारतीय सेना में 1967.68 के दौरान शामिल किया गया था। जिस के तहत 1971 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी मोर्चे पर अद्भुत प्रदर्शन करने वाले इस टैंक ने पकिस्तान के 58 पेटेन टैंकों को नस्तनाबूद कर दिया था।

भारतीय सेना की बख्तरबंद कोर के मुख्य आधार रहे टी-55 पाकिस्तानियों के लिए भारी मुशिवतो का करण बना रहा। युद्ध के दौरान शकरगढ, फाजिल्का, छंब से लेकर जैसलमेर से लोंगेवाला तक के पेटेन टैंक को तबाह करने मे कामयाबी हाशिल की थी। इस टैंक को यहां स्थापित किये जाने से आने वाली पीढियां भारतीय सेना के शौर्य, वीरता का इतिहास से अवगत होने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।

अवतार रामसिंह

वार्ता

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