भीलवाड़ा 15 मई (वार्ता) पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स (पीएफए) की राजस्थान इकाई के प्रभारी बाबूलाल जाजू ने तापमान बढ़ने का मुख्य कारण भूमि पर हरियाली का प्रतिशत अत्यधिक कम होना बताते हुए कहा है कि प्रदेश में करीब सत्तर वर्षों में वनों का प्रतिशत 13.5 से घटकर नौ प्रतिशत रह गया है वहीं वनों की सघनता 0.8 से घटकर 0.2 रह गई है।
श्री जाजू ने अपने बयान में आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगल घटने के साथ ही तापमान निरंतर बढ़ता ही जा रहा है जिससे प्रदेशवासी परेशान है। वर्ष 1950 में राजस्थान प्रदेश में वनों का प्रतिशत 13.5 प्रतिशत था जो घटकर नौ प्रतिशत के लगभग ही रह गया है वहीं प्रदेश की जनसंख्या लगभग 1.5 करोड़ थी जो बढ़कर 7.5 करोड़ हो चुकी है। वनों की सघनता 0.8 थी जो घटकर 0.2 रह गई है।
उन्होंने कहा कि तापमान बढ़ने का मुख्य कारण भूमि पर हरियाली का प्रतिशत अत्यधिक कम होना है। उन्होंने कहा कि केवल सरकार के भरोसे नहीं रहकर आमजन को पौधे लगाकर उनकी सारसंभाल पुख्ता करने एवं पुराने लगे हुए पेड़ों को कटने से रोकने की जरूरत है।
श्री जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में जनसंख्या बढ़ रही है, औद्योगिक इकाईयां बढ़ रही है तथा दुपहिया व चौपहिया वाहनों की संख्या में भी बहुत अधिक इजाफा हुआ है, प्रदेश की पहाड़ियां व नदियां अवैध खनन के चलते बर्बाद हो चुकी है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है, ऐसे में उस अनुपात में अतिक्रमणग्रस्त वन भूमि को अतिक्रमणमुक्त कर जंगलों का प्रतिशत बढ़ाने की आवश्यकता है जबकि जंगलों का प्रतिशत निरंतर घटता ही जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में युवा पीढ़ी के लिए उद्यानों, जंगलों और खेल के मैदानों का प्रतिशत बढ़ाने की आवश्यकता है।
जोरा
वार्ता