जयपुर, 27 नवम्बर (वार्ता) राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में मतदान प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से मतदान दलों के प्रशिक्षण और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया।
निर्वाचन विभाग की ओर से किए गए इस माइक्रो मैनेजमेंट से मतदान व्यवस्थित सम्पन्न हुआ और इस बार एक भी मतदान केन्द्र पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि इस विधानसभा चुनाव में मतदान दलों के प्रशिक्षण से लेकर, सामग्री वितरण और टीए-डीए के ऑनलाइन भुगतान तक उनकी सहूलियत के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से कई पहल की गईं। उन्होंने बताया कि कार्मिकों की वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए ही मतदान दल गठित किए गए। मतदान दलों को तीन बार विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया और ईवीएम पर हैंड्स ऑन कराया गया।
श्री गुप्ता ने बताया कि मतदानकर्मियों की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग के अद्यतन निर्देशों को शामिल करते हुए हैंडबुक, चेकलिस्ट, डू और डॉन्ट्स एवं ब्रॉशर आदि हिन्दी भाषा में भी तैयार करवाए गए और इनकी ई-कॉपी मतदान दल के सदस्यों को उपलब्ध कराई गई। मतदान दलों के उपयोग आने वाले प्रपत्रों को वर्गीकृत कर पांच बुकलेट तैयार करवायी गयीं, मतदानकर्मियों की सुविधा के लिए इनका रंग भी अलग-अलग रखा गया। पूर्व में प्रपत्र अलग-अलग मिलने के कारण इन्हें ढूंढने में कठिनाई आती थी। इसी तरह लिफाफों हेतु भी एक बुकलेट तैयार की गई है, जिसमें लिफाफे क्रम संख्या अनुसार लगाये गये। बुकलेट के मुख्य पृष्ठ पर प्रत्येक लिफाफे का विवरण तथा प्रत्येक लिफाफे के मुख्य पृष्ठ पर यह अंकित किया गया कि उक्त लिफाफे में कौनसा प्रपत्र आयेगा।
उन्होंने बताया कि मतदानकर्मी मताधिकार से वंचित न रह जाएं, इसे सुनिश्चित करते हुए द्वितीय प्रशिक्षण के दौरान उन्हें पोस्टल बैलट जारी कर फेसिलिटेशन सेंटर्स पर ही उनका मतदान करवा दिया गया। तृतीय प्रशिक्षण के समय मतदान केन्द्रों वार मतदान दलों को एक साथ बिठा कर प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें उनकी सीट पर ही मतदान सामग्री उपलब्ध करवा दी गई ताकि उन्हें कतारों में नहीं लगना पड़े। उन्होंने बताया कि मतदान दलों के लिए निर्वाचन प्रक्रियाओं से सम्बन्धित छह पॉडकास्ट तैयार करवाए गए, ये पॉडकास्ट उनके परिवहन वाहनों में भी चलाए गए।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केन्द्रों पर मतदान दलों की रवानगी के समय विशेष सहायता डेस्क भी बनाई गई थी और मास्टर ट्रेनर्स द्वारा ईवीएम सम्बन्धी डू एवं डॉन्ट्स उन्हें करके बताए गए। उन्होंने बताया कि सभी प्रशिक्षण सत्रों के अंत में स्व मूल्यांकन टेस्ट करवा कर उन्हें अपनी जानकारी को परखने को अवसर भी दिया गया। साथ ही, प्रपत्रों को भरवा कर मॉक ड्रिल भी कराई गई। उन्होंने बताया कि वापसी के समय मतदान दलों को संग्रहण केन्द्र पर ईवीएम व अन्य सामग्री जमा करने में भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए ईवीएम जमा करने के लिए अलग-अलग संख्या में पर्याप्त काउंटर बनाए गए थे।
उन्होंने बताया कि इस बार चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर सहित कुछ जिलों में आरओ स्तर पर ही ईवीएम मशीनें जमा कराई गई जिससे मतदान दलों का जिला मुख्यालय तक आने का समय बच गया। यही नहीं, उन्हें टीए एवं डीए का ऑनलाइन समयबद्ध भुगतान करने का भी ध्यान रखा गया।
जोरा
वार्ता