लखनऊ 23 दिसम्बर(वार्ता)उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं में पारदर्शता लाने का निर्देश देते हुये कहा कि कृषि प्रधान देश की खुशहाली का रास्ता गांव से गुजरता है।
श्री योगी ने सोमवार को यहां पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसान नेता चौधरी चरण सिंह की 117वीं जयन्ती पर विधानसभा स्थित उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि देश की खुशहाली का रास्ता गांव से गुजरता है। उन्होंने अधिकारियों को किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने जीवन पर्यन्त किसानों की खुशहाली के लिए कार्य किया। जमींदारी उन्मूलन एवं लघु, सीमान्त कृषकों को तीन एकड़ भूमि तक भू-राजस्व से छूट दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। किसानों के हित में उन्होंने अनेक निर्णय लिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय को दोगुना करने के लिए गम्भीरता से कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना जैसे कार्यक्रमों से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी योजनाओं से कृषक समुदायों को आर्थिक और सामाजिक सहायता एवं सुरक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश के 1.98 करोड़ किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण कराकर सभी अनुदान की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में भेजी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों से किसानों की उपेक्षा की जा रही थी। मौजूदा सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने का कार्य किया है। गन्ना किसानों के 76 हजार करोड़ रुपये का भुगतान तथा बन्द चीनी मिलों को चलाने का कार्य भी वर्तमान सरकार द्वारा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी के अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मूल्य कम होने की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने गन्ने से एथेनाॅल बनाने को मंजूरी देने का काम किया। गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि जमीन की उर्वरता को बनाये रखने में गोवंश का विशेष महत्व है। कृषि अवशेषों को जलाये नहीं, बल्कि कम्पोस्ट बनाकर उसका सदुपयोग करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गेहूं, चना, मटर, मसूर तथा राई, सरसों, धान, मक्का, अरहर, उर्द तथा सोयाबीन की फसलों में राज्य स्तर पर प्रति हेक्टेयर अधिकतम उत्पादकता प्राप्त करने वाले 31 किसानों को प्रथम पुरस्कार के लिए एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार के लिए 50 हजार रुपये, प्रमाण-पत्र एवं एक शाॅल देकर सम्मानित किया। रेशम पालन, मशरूम उत्पादन और कृषि विविधीकरण करके विशिष्ट कार्य करने वाली महिला किसानों को भी सम्मानित किया गया।
भंडारी
वार्ता