कोरापुट,(ओडिशा) 13 सितंबर (वार्ता) ओडिशा को कॉफी का अपना पहला ब्रांड ‘कोरापुट कॉफी’ के रूप में मिल गया है, जिसकी खेती यहां के आदिवासी कर रहे हैं।
कोरापुट में कॉफी तैयार करने के लिए संयंत्र लगाये जाने से इस काॅफी को बढ़ावा मिलने के साथ ही इसकी खेती करने वाले आदिवासियों को उचित मूल्य दिलाने में भी मदद मिलेगी। ‘कोरापुट कॉफी’ जिला प्रशासन के कॉफी डेवलपमेंट ट्रस्ट की एक पहल है जिसमें ट्राइबल डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव कॉर्पोरेशन ऑफ ओडिशा लिमिटेड (टीडीसीसीओएल), इंटेग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए और सीडीटी कोरापुट वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि आदिवासी और गैर-आदिवासी उत्पादकों से कॉफी बीज खरीदी जाएगी और इन्हें मिनी-क्युरिंग यूनिट में प्रसंस्कृत किया जाएगा। विधायक और डीपीसी अध्यक्ष रगुराम पोडल, लक्ष्मीपुर के विधायक प्रभु जानी, कोरापुट, विधायक पटोंनगी, पूर्व विधायक प्रफुल्ला पंगी, ओडिशा सीड कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ईश्वर चंद्र पाणिग्रही, कलेक्टर मधुसूदन मिश्रा की मौजूदगी में इस यूनिट का उद्घाटन किया गया है। मशीनरी की खरीद शुरू हो गई है। कोरापुट के टीडीसीसीओल में कोरापुट कैफे के निर्माण की योजना पहले से तैयार है जहां हर कोई बैठकर कॉफी के स्वाद का आनंद ले सकेगा।
भारत अरेबिका और रोबेस्टा कॉफी का उत्पादन करता है और इसकी कॉफी की गुणवत्ता, स्वाद की पूरे विश्व में तारीफ होती है। कोरापुट की काॅफी अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। ओडिशा के बाहर और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी ओडिशा के काॅफी की अच्छी मांग है।
प्रियंका/ शेखर
वार्ता