देहरादून, 19 अक्टूबर (वार्ता) उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदी और जल भराव स्थलों में जल स्तर बढ़ने के साथ हो रहे भूस्खलन के बीच फंसे लोगों को बचाने में लगे राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) एक बार फिर देवदूत साबित हुई है।
इसके जवान मंगलवार दोपहर तक अपने प्राणों की परवाह बिना किये बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाल चुके हैं।
एसडीआरएफ प्रवक्ता ललिता दास नेगी ने यूएनआई को बताया कि उधमसिंह नगर के एमिटी स्कूल में अध्यापकों सहित फंसे 49 बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है जबकि ट्रांजिट कैम्प आदि स्थानों से एक सौ से अधिक लोगों को आज दिन में सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने बताया कि पौड़ी की तहसील सतपुली में हंस फाउंडेशन अस्पताल के पास एक कर मलबे में फंस गई, जिसमें सवार दो युवक कल्याण सिंह और राहुल को सकुशल बचा लिया गया है। यह कार अत्यधिक वर्षा के कारण एक जलभराव के क्षेत्र के मलबे की चपेट में आ गयी थी। अल्मोड़ा जिले के हीरा डूंगी में एक मकान ध्वस्त होने पर उसमें एक लड़की फंसी होने की सूचना पर पहुंचे राहत दल ने लड़की अरुना को मलबे से घायल अवस्था में बाहर निकाल कर उपचार के लिए अस्पताल भेजा।
श्रीमती नेगी ने बताया कि इसी तरह चमोली जनपद में मलवे के कारण एक झुग्गी में फंसे चार मजदूर की जान बचाने के लिये अभियान चलाया। इसमें तीन महिला मजदूरों के शव बरामद हुए, जबकि एक को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया। यह सभी नेपाल के मूल निवासी हैं। उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ से आते वक्त फंसे 22 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। यह काम घनघोर बारिश, अंधेरा और बिजली गर्जन के बीच निपटाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि उक्त यात्रियों में से एक महिला सुषमा रानी, निवासी सोनीपत, हरियाणा की तबीयत ज़्यादा खराब हो रही थी। बारिश में भीग जाने के कारण ठंड से स्वयं चलने में भी असमर्थ थी। उसे स्ट्रेचर की मदद से नीचे लाया गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह कनखू बैरियर के पास गौमुख मार्ग पर फंसे 30 ट्रैकर को सुरक्षित बचा लिया गया है। इसके अलावा, राज्य के अन्य स्थानों पर लगातार लोगों को बचाने का अभियान जारी है।
सं.श्रवण
वार्ता