जयपुर 01 जून (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि वर्तमान में बदले हुए परिवेश में संकाय को अपनी परम्परागत शिक्षण विधियों को बदलने और प्रौद्योगिकी केंद्रित शिक्षण को विकसित करने की आवश्यकता है।
श्री मिश्र सोमवार को यहां राजभवन से कोविड-19 काल पश्चात उच्च शिक्षा संस्थाओं की भूमिका विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को आॅनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। डाॅ. के. एन. नाग की स्मृति में इस व्याख्यानमाला का आयोजन महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा किया गया।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए व्यक्तिगत दूरी रखना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में एक साथ बैठकर शिक्षा लेना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि अब उच्च शिक्षा की हर प्रक्रिया का आॅनलाइन करना ही होगा। इन्टरनेट के साथ-साथ ऐसे प्लेटफार्म को विकसित करने की आवश्यकता है, जो व्यापक हो तथा एक समय में अधिक से अधिक विद्यार्थियों की आवश्यकता को पूरा कर सके।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की ताकत संकाय में निहित होती है। संकाय को अपने आप को सक्षम व्यक्तियों के रूप में स्थापित करना चाहिए, जो छात्रों की उम्मीदों को पूरा कर सकंे।
श्री मिश्र ने कहा कि सभी को एक जुट होकर कोविड-19 को पराजित करना है। उन्होंने कहा कि उनके पास विद्यार्थियों के बहुत से ई-मेल आ रहे हैं, जिनको पढ़ने से लगता है कि हमारे युवा भयग्रस्त हैं। कुलाधिपति ने कहा कि विद्यार्थी डरे नहीं, उनका भविष्य उज्ज्वल है। युवाओं के भविष्य को सुहढ बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डी. पी .सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालयों पर युवाओं के जीवन को सही दिशा देने के साथ शोध, अनुसंधान, शिक्षण सहित अनेक दायित्व है। उन्होंने कहा कि अब उच्च शिक्षा के कार्यों के तौर-तरीकों में बदलाव लाना होगा। कोविड-19 से पहले उच्च शिक्षा में कार्य करने का तरीका अलग था। अब नये तरीके अपनाने होगें।
रामसिंह
वार्ता