राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 25 2019 7:55PM जल्द लग सकता है महंगी बिजली का झटका
लखनऊ, 25 अगस्त (वार्ता) घाटे से उबरने के लिये बिजली दरों में बढोत्तरी को अमादा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के फैसले से बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही बिजली के लिये जेब और ढीली करनी पड़ सकती है।
उपभोक्ता परिषद की तमाम कवायद पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन पानी फेरने को तैयार बैठा है और अगर सब बिजली कंपनियों की मंशा के अनुरूप रहा तो सितम्बर के अंत तक घरेलू बिजली की दराें में 20 से 25 फीसदी और व्यवसायिक बिजली में 10 से 12 प्रतिशत की बढोत्तरी हो सकती है।
विश्वस्त सूत्रों ने रविवार को बताया कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन विद्युत नियामक आयोग पर प्रस्तावित बिजली दरें जारी करने का दबाव बनाये हुए है। ऐसे में आशंका है कि सितंबर के पहले पखवाड़े से ही बढी हुयी बिजली दरें लागू कर दी जायेंगी। पावर कारपोरेशन ने 14 जून को आयोग में नई दरों का प्रस्ताव दिया था जिस पर सार्वजनिक सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग की मंशा इस मामले को अंतिम रूप देने की है।
उन्होने बताया कि नियमानुसार सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग के पास प्रस्तावित दरें घोषित करने के लिए चार महीने का समय होता है लेकिन बिजली कंपनियों के दबाव के चलते इसे तीन महीनों के भीतर ही लागू किया जा सकता है। आयोग के सितंबर के पहले हफ्ते तक दरें घोषित करने की संभावना है।
कारपोरेशन ने आयोग को घरेलू बिजली 6.20 से 7.50 रुपये और व्यावसायिक श्रेणी की दरें 8.85 रुपये प्रति यूनिट तक करने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह उद्योगों की बिजली 10 से 15 फीसद तक महंगी करने के साथ बीपीएल, ग्रामीण अनमीटर्ड व निजी नलकूपों की दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया है।
उधर दुर्घटना का शिकार हुये उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नई बिजली दरें तय करने में हड़बड़ी न करने की मांग की है। उन्होने कहा कि बिजली कम्पनियां अपनी मनमानी करने से बचें और नियामक आयोग टैरिफ जारी करने में कोई जल्दबाजी न करे। पहले उपभोक्ताओं की आपत्तियों का शत-प्रतिशत निस्तारण करा लिया जाये। आयोग से मांग है कि वह अभियान में उपभोक्ता उत्पीड़न की कार्यवाही पर हस्तक्षेप करे। उन्होने बिजली दरें बढ़ाने के विरोध में दाखिल आपत्तियों का परीक्षण करने के बाद ही निर्णय लेने की जरूरत बताई है।
प्रदीप
वार्ता