श्रीनगर, 03 अक्टूबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर में सविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के लगभग दो महीने पूरे हो चुके है लेकिन अभी भी जनजीवन पूरी तरह से पटरी नहीं लौट सका है।
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को घाटी के किसी भी क्षेत्र में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कई क्षेत्रों में चार से अधिक लोगोंं केे एकत्र होने से रोकने के लिए धारा 144 लगा रखी है।
कश्मीर में किसी भी तरह की अफवाहों को रोकने के लिए पांच अगस्त के बाद से ही घाटी में इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद रखी गयी हैं। केंद्रीय रिजर्व पुुलिस बल (सीआरपीएफ) ने हालांकि कई स्थानों पर एसटीडी बूथ लगाए हैं जिसके कारण लोग अपने परिजनों से बातचीत कर पा रहे हैं।
राज्य में लगे प्रतिबंधों से सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थान प्रभावित हुए हैं। सरकार ने हालांकि काफी दिन पहले ही स्कूलों के खोलने की घोषणा कर दी थी जिसके बावजूद छात्र अभी भी स्कूलों से नदारद हैं।
पिछले 60 दिनों से शहर-ए-खास की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे बंद हैं। जामिया बाजार और जामिया मस्जिद के पास वाले इलाकों में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है। पांच अगस्त के बाद से लगे प्रतिबंधों के चलते जामिया मस्जिद में नमाज़ भी अदा नहीं की गयी है।
इसके अलावा राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और ऐतिहासिक लाल चौक के इलाकों में सोमवार सुबह कुछ दुकानें और प्रतिष्ठान खुले लेकिन वे केवल सुबह सात से नौ बजे तक के लिए ही खुले रहे हैं। श्रीनगर के मुख्य इलाकों में कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी है और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की चप्पे-चप्पे पर तैनाती की गयी है।
कश्मीर में किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए लगभग सभी क्षेत्रों में स्वचालित हथियारों और डंडों के साथ सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है।
राज्य के कई जिलों और तहसील मुख्यालय समेत अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां और कुपवाड़ा, बांदीपोरा, पाटन, सोपोर, हंदवारा तथा अजस क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां ठप हैं। इसी तरह की रिपोर्टें मध्य कश्मीर के गंदेरबल और बडगाम जिले से भी मिली हैं।
कश्मीर में बंद के दो माह बाद भी अधिकांश दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और शहर एवं बाहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन भी बेहद कम रहा। कईं जगहों पर हालांकि दो पहिया वाहन सामान्य रूप से चलते हुए दिखाई दिए।
जतिन जितेन्द्र
वार्ता