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डूंगरपुर उपद्रव के बाद हालात सामान्य होने लगे

डूंगरपुर उपद्रव के बाद हालात सामान्य होने लगे

डूंगरपुर 28 सितंबर (वार्ता) राजस्थान में डूंगरपुर जिले में शिक्षक भर्ती में 1167 अनारक्षित पदों को अनुसूचित जन जाति वर्ग के अभ्यर्थियों से भरने की मांग को लेकर चल रहे महापड़ाव के समाप्त होने से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ शुरु हो गया और आज उपद्रव के पांचवें दिन हालात सामान्य होने लगे है।

हालांकि मार्ग पर पुलिस के अधिकारी निगरानी रखे हुए हैं और मौके पर पुलिस बल तैनात कर रखा है। इस मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोग जनजाति प्रतिनिधियों के प्रयास के बाद रविवार सायं अपना महापड़ाव खत्म कर दिया और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ से हट गए।

पिछले चार दिनों में उपद्रवियों ने आगजनी एवं तोड़फोड़ मचाने के कारण मार्ग अस्त व्यस्त हो रखा था, जिसे साफ करने का काम शुरू किया गया और आवागमन के लिए शुरू कर दिया गया। इससे अहमदाबाद की ओर जाने एवं आने वाले वाहन चलना शुरू हो गये। मार्ग पर हिंसक प्रदर्शन के दौरान जलाये गये वाहनों को हटाने का काम किया जा रहा है वहीं होटलों तथा अन्य जगहों पर की गई आगजनी एवं तोड़फोड़ के स्थानों पर भी हालात सामान्य करने के प्रयास किये जा रहे है।

हाइवे पर आवागमन शुरु होने के साथ ही जांच का काम भी शुरु हो गया। मौके पर एफएसएल की टीम पहुंची और उपद्रव के दौरान चली गोली से बिखरे खून के नमूने लिये गये हैं। इससे जांच कर पता लगाया जायेगा कि फायरिंग के दौरान दो लोगों की मौत पुलिस की गोली से हुई या किसी उपद्रवी के फायरिंग करने से हुई। इसके अलावा हाइवे पर तोड़फोड़ से हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है।

उधर पिछले चार दिन में हुए हिंसक प्रदर्शन से निजी संपत्तियों एवं वाहनों में तोड़फोड़ तथा आगजनी के विरोध में डूंगरपुर जिले में मूल अधिकार रक्षा मंच की ओर से सोमवार को किये गये स्वेच्छिक बंद के आह्वान का असर भी रहा। बंद के दौरान शहर में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का मिला जुला असर रहा। मंच ने जिले में बंद रखकर सरकार से हिंसा में प्रभावित लोगों को मुआवजा एवं दोषियों की गिरफ्तार करने की मांग की है। इस मांग को लेकर कई व्यापारी जिला कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हो गये। बाद में प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि बंद के दौरान कहीं से अप्रिय समाचार नहीं मिले हैं।

उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती 2018 में 1167 पदों को अनुसूचित जन जाति के अभ्यर्थियों से भरने की मांग को लेकर गत सात सितंबर से प्रदर्शन चल रहा था और यह 24 सितंबर को उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने हाइवे पर आगजनी एवं तोड़फोड़ शुरु कर दी। चार दिन तक काफी उपद्रव हुआ और रविवार को आदिवासी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक हुई और इसके बाद प्रदर्शनकारियों को समझाने के बाद महापड़ाव समाप्त हो गया।

जोरा

वार्ता

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