हैदराबाद, 05 दिसंबर (वार्ता) भारत और वेस्टइंडीज के बीच शुक्रवार को पहले टी-20 मुकाबले के साथ शुरु हो रही सीमित ओवरों की सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल की निगरानी तीसरा अंपायर करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार को यह घोषणा करते हुए बताया कि मैदान के अन्य सभी निर्णयों के लिए मैदानी अंपायर जिम्मेदार रहेंगे जबकि तीसरा अंपायर फ्रंट फुट नो बॉल के लिए हर गेंद की निगरानी करेगा।
आईसीसी ने एक बयान में कहा, “यदि फ्रंट फुट को लेकर कोई नो बॉल होती है तो तीसरा अंपायर मैदानी अंपायर को इस बारे में सूचित करेगा और वह इसे नो बॉल करार देगा। मैदानी अंपायर फ्रंट फुट नो बॉल को तीसरे अंपायर की सलाह लिए बिना इशारा नहीं करेगा।”
आईसीसी ने साथ ही कहा, “यदि तीसरा अंपायर तस्वीरों के आधार पर नो बॉल देने में संशय में रहता है तो संदेह का लाभ गेंदबाज को मिलेगा। यदि बल्लेबाज ऐसी किसी गेंद पर आउट हो जाता है जो बाद में तीसरे अंपायर द्वारा नो बॉल करार दी जाती है तो बल्लेबाज को अपनी पारी फिर से शुरु करने के लिए बुलाया जा सकता है।”
क्रिकेट की विश्व संस्था ने कहा, “यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि संदेह का कोई भी लाभ गेंदबाज के पास रहता है और यदि देरी से मैदानी अंपायर को नो बॉल की सूचना जाती है तो मैदानी अंपायर आउट होने के फैसले को रद्द कर उसे नो बॉल करार देगा।”
यह दूसरा मौका है जब आईसीसी फ्रंट फुट नो बॉल पर तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। पहली बार 2016 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज में इसका इस्तेमाल किया गया था। आईपीएल भी अपने 2020 के संस्करण में नो बॉल की निगरानी के लिए अतिरिक्त टीवी अंपायर के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।
राज, शोभित
वार्ता