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इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेंगे, राजस्थान के हाल बदलेंगे-गहलोत

इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेंगे, राजस्थान के हाल बदलेंगे-गहलोत

जयपुर 02 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा है कि कांग्रेस जनघोषणा पत्र के करीब अस्सी प्रतिशत वादे पूरे कर लिए गए एवं बीस प्रतिशत प्रगतिरत हैं तथा 94 प्रतिशत बजट घोषणाओं की स्वीकृति हो गई हैं और आज प्रदेश करीब चार गुना गति से आगे बढ़ रहा है और इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेंगे, राजस्थान के हाल बदलेंगे।

श्री गहलोत आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 से लगातार राजस्थान में ऐसी परम्परा बन गई कि हर बार सरकार बदल जाती है। सरकार के ढाई-तीन साल बाद ही एंटी इंकंबेंसी हावी हो जाती है और सत्ताधारी पार्टी उपचुनावों में हारती है। भाजपा के शासन में वर्ष 2013 से 2018 तक हुए आठ उपचुनावों में से छह में भाजपा हारी थी। परन्तु इस बार राजस्थान में प्रो इंकंबेंसी साफ दिख रही है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से अभी तक हुए नौ उपचुनावों में से सात उपचुनाव कांग्रेस जीती है। नगरीय निकाय, पंचायतीराज सभी चुनावों में कांग्रेस जीती है। हमारी पार्टी के जनघोषणा पत्र के करीब 80 प्रतिशत वादे पूरे कर दिए गए और बाकी 20 प्रतिशत प्रगतिरत हैं। 94 प्रतिशत बजट घोषणाओं की स्वीकृति निकल गई हैं। इसिलए जो घोषणा हुई उस पर काम शुरू हो गया। इसका असर है कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कारण 11.04 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के साथ देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे राज्यों में राजस्थान दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2018-19 में जब भाजपा की सरकार थी तब आर्थिक विकास दर महज 2.37 प्रतिशत थी। आज करीब चार गुना गति से प्रदेश आगे बढ़ रहा है। आज प्रदेश भाजपा राज की बदहाली को बहुत पीछे छोड़ चुका है।

उन्होंने कहा “ आप हमारी फ्लैगशिप योजनाओं को बन्द करेंगे। चिरंजीवी, इन्दिरा रसोई, शहरी रोजगार, उड़ान और ओपीएस बन्द कर देंगे। जैसे पिछले कार्यकाल में रिफाइनरी, मेट्रो, जोधपुर में बार काउंसिल हॉल, नई सड़क पार्किंग का काम बंद किया था। इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेंगे, राजस्थान के हाल बदलेंगे। राजस्थान अब इस सबको पीछे छोड़कर आगे बढ़ गया है। जनता अब आपके झांसे में नहीं आने वाली नहीं हैं। आप दंगा-फसाद की राजनीति से सत्ता हासिल करने का सोचते थे पर हमारी सरकार ने शांति एवं अहिंसा विभाग बना दिया है जिससे प्रदेश में शांति स्थापित हो।”श्री गहलोत ने केन्द्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का बजट राजस्थान के लिए काफी निराशाजनक रहा क्योंकि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं की गई.।

केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 के बाद बने नए मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज खोलकर राजस्थान मॉडल अपनाया है क्योंकि हमारे यहां सभी राज्यों में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। हमारी रूरल टूरिज्म पॉलिसी की तर्ज पर केन्द्र सरकार देखो अपना देश योजना लेकर आई है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि बजट पांच प्रतिशत, फसल बीमा बजट 12 प्रतिशत, किसान सम्मान निधि का बजट 13 प्रतिशत, मनरेगा का बजट 33 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का बजट 31 प्रतिशत, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन का बजट 30 प्रतिशत, केमिकल फर्टिलाइजर का बजट 21 प्रतिशत एवं ग्रामीण विकास का बजट 12 प्रतिशत कम किया है जो यह दिखाता है कि यह बजट आम लोगों एवं किसानों को कोई राहत नहीं देने वाला है।

मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार के नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में किसान बजट को 94 प्रतिशत बढ़ाया जो लगभग दोगुना है। चिरंजीवी योजना यूनिवर्सल हेल्थ केयर, इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत पहली बार शहरों में रोजगार की गारंटी, पूरे प्रदेश में मनरेगा में 25 अतिरिक्त दिन, उड़ान योजना में 12 सैनिटरी नैपकिन प्रतिमाह देने वाला एकमात्र राज्य, इन्दिरा रसोई याेजना में आठ रुपये में ताजा एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने की सबसे बड़ी योजना, महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल के तहत प्रदेश में पहली बार खोले गए सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में देश में सर्वाधिक लगभग एक करोड़ लाभार्थियों को पेंशन देने वाला एकमात्र राज्य, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने वाला देश का पहला राज्य, अनुप्रति कोचिंग योजना में निजी क्षेत्र में कोचिंग लेने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता एवं राजीव गांधी एकेडमिक स्कॉलर्शिप स्कीम के तहत 200 बच्चों की करोड़ों रुपये तक पूरी फीस पुनर्भरण की जा रही है।

उन्होंने भाजपा एवं कांग्रेस सरकार के तुलनात्मक आंकड़े बताते हुए कहा कि तीन साल में प्रति व्यक्ति आय में 26.81 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। देश में प्रति व्यक्ति आय 6.08 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है जबकि राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय 8.24 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वर्ष 2013 में जब हमारी सरकार थी तो प्रदेश पर 1.47 लाख करोड़ का कर्ज था, भाजपा सरकार ने इसे दोगुना कर दिया। वर्ष 2018 में हमारी सरकार बनी तो राज्य पर 3 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला। वर्ष 2014 में केन्द्र पर 58 लाख करोड़ का कर्ज था जो अब 150 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।

उन्होंने कहा “कोविड के कारण कर्ज बढ़ा है पर इसकी सीमा पिछली सरकार की तुलना में बेहद कम है। मैं हर विभाग में हुए काम के साथ बताना चाहूंगा कि भाजपा के शासन में और हमारे शासन में क्या अंतर है। शिक्षा के मामले में भाजपा सरकार के चार साल में कोई नया प्राइमरी स्कूल नहीं खोला गया जबकि कांग्रेस सरकार के चार साल में 266 नए प्राइमरी स्कूल खोले गए हैं। भाजपा सरकार के चार साल में 178 प्राइमरी स्कूल को अपर प्राइमरी स्कूल में प्रमोट किया जबकि कांग्रेस सरकार के चार साल में 1453 प्राइमरी स्कूल को अपर प्राइमरी स्कूल में प्रमोट किया है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के चार साल में 307 अपर प्राइमरी को सैकंडरी स्कूल में प्रमोट किया जबकि कांग्रेस सरकार के चार साल में 1127 अपर प्राइमरी को सैकंडरी स्कूल में प्रमोट किया है। कॉलेज के मामले में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पांच साल में 81 कॉलेज खोले जबकि हमने चार साल में 210 कॉलेज खोल दिए। इनके चार साल में एक एग्रीकल्चर कॉलेज खोला गया, हमने चार साल में 42 एग्रीकल्चर खोल दिए। आयुर्वेद के मामले में भाजपा सरकार ने चार साल में एक भी आयुष हेल्थ वैलनेस सेंटर एवं ब्लॉक आयुष अस्पताल नहीं खोला जबकि हमने चार साल में 1000 आयुष हेल्थ वैलनेस सेंटर एवं 77 ब्लॉक आयुष अस्पताल खोले हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के मामले में भाजपा सरकार ने चार साल में ग्रामीण विकास पर 21,586 करोड़ रुपये खर्च किए। हमने चार साल में इनसे दोगुने से भी अधिक यानी ग्रामीण विकास पर 56,257 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इनके चार साल में 76,816 सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए, हमने 1,85,657 सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर प्रदेश की 24.50 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। इनके चार साल में मनरेगा में 16,792 करोड़ रुपये व्यय किए, हमने दो गुने से अधिक यानी 36,601 करोड़ रुपये व्यय किए, साथ में मनरेगा में 25 दिन अतिरिक्त दिए हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मामले में भाजपा सरकार ने बुजुर्गों को चार साल में सिर्फ 5345 करोड़ रुपये पेंशन दी। हमने इनसे करीब चार गुना ज्यादा यानी 20,722 करोड़ रुपये पेंशन देकर बुजुर्गों को सम्मान दिया है। भाजपा सरकार ने एकलनारियों (विधवा, तलाकशुदा) को चार साल में सिर्फ 856 करोड़ रुपये पेंशन दी। हमने इनसे करीब 10 गुना ज्यादा यानी 8,160 करोड़ रुपये पेंशन देकर महिलाओं को सम्बल दिया है। दिव्यांगों को चार 4 साल में सिर्फ 425 करोड़ रुपये पेंशन दी जबकि हमने आपसे करीब पांच गुना ज्यादा यानी 2,170 करोड़ रुपये पेंशन देकर दिव्यांगों को सहारा दिया है। आपने चार साल में पालनहार योजना में अनाथ बच्चों को 529 करोड़ रुपये दिए जबकि हमने अभी तक 2130 करोड़ रुपये देकर अनाथ बालकों को सहायता दी है।

उन्होंने कहा कि रीको के मामले में भाजपा सरकार ने चार साल में सिर्फ 10 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए, हम 62 कर चुके हैं। भाजपा सरकार ने सिर्फ 1884 भूखंड आवंटित किए, हम 5100 कर चुके हैं। मेडिकल हेल्थ में आपने 4 साल में 7 सब सेन्टर खोले जबकि हमने 4 साल में 500 सब सेन्टर खोले हैं। इन्होंने 4 साल में 7 सब सेन्टर को पीएचसी बनाया जबकि हमने 4 साल में 363 सब सेन्टर को पीएचसी में क्रमोन्नत किया है। इनके 4 साल में 23 पीएचसी को सीएचसी बनाया जबकि हमने 4 साल में 206 पीएचसी को सीएचसी बनाया।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 4 साल में एक भी उपजिला अस्पताल नहीं बनाया जबकि हमने 41 उपजिला अस्पताल खोले। इनके 4 साल में एक भी जिला अस्पताल नहीं बनाया जबकि हमने 21 उपजिला अस्पताल खोले। इनके 4 साल में केवल एक सैटेलाइट अस्पताल खोला जबकि हमने आठ जिला अस्पताल खोले। इनके चार साल में केवल 565 हॉस्पिटल बेड्स बढ़े जबकि हमारे 4 साल में 6705 बेड्स बढ़े हैं। मेडिकल एजुकेशन में इनके 4 साल में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज खोला, हम 6 खोल चुके हैं एवं 12 जिलों में स्थापना की जा रही है। इनके 4 साल में 2 नर्सिंग कॉलेज खोले गए थे, हमारे चार साल में 25 नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं। इनके 4 साल में एमबीबीएस की 150 एवं पीजी की 50 सीटें बढ़ीं, हमारे 4 साल में एमबीबीएस की 1380 एवं पीजी की 558 सीटें बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा कि सड़क के मामले में भाजपा सरकार के 4 साल में सड़कों पर 19,472 करोड़ रुपये व्यय हुए, हमारे चार साल में 25,285 करोड़ रुपये व्यय किए हैं। इनके 4 साल में 49,878 किमी सड़कों का निर्माण किया, हम इससे 5,000 किलोमीटर ज्यादा सड़कें यानी 54,923 किलोमीटर कर चुके हैं। कृषि बिजली में इनके 4 साल में 1,77,226 कृषि बिजली कनेक्शन दिए जबकि हमने कोविड के बावजूद 4 साल में 3,27,459 कृषि बिजली कनेक्शन दे दिए हैं।

भाजपा की सरकार के 4 साल में 1,77,226 कृषि बिजली कनेक्शन दिए गए जबकि हमारे 4 साल में 3,27,459 कृषि बिजली कनेक्शन जारी कर दिए हैं।

भाजपा सरकार के 4 साल में फसल बीमा के 5,822 करोड़ रुपये के मुआवजे दिए गए जबकि हमारे 4 साल में 18,177 करोड़ रुपये के मुआवजे दिए गए हैं। आपकी सरकार के 4 साल में 31,940 करोड़ रुपये कृषि बिजली अनुदान दिया गया जबकि हमारे 4 साल में 60,754 करोड़ रुपये कृषि बिजली अनुदान दिया जा चुका है। आपके 4 साल में इन्दिरा गांधी नहर की एक किलोमीटर भी रिलाइनिंग नहीं हुई और नहर का पानी व्यर्थ बहा जबकि हमारी सरकार ने 4 साल में इन्दिरा गांधी नहर की 108 किलोमीटर रिलाइनिंग की है। आपके 4 साल सरहिन्द फीडर की एक किलोमीटर भी रिलाइनिंग नहीं हुई और नहर का पानी व्यर्थ बहा जबकि हमारी सरकार ने 4 साल में सरहिन्द फीडर की 84 किलोमीटर रिलाइनिंग की है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के चार साल में कोई नया एडीएम ऑफिस नहीं खोला गया जबकि कांग्रेस सरकार के 4 साल में 7 नए एडीएम ऑफिस खोले जा चुके हैं। इनके 4 साल में कोई नया एसडीएम ऑफिस नहीं खोला गया जबकि कांग्रेस सरकार के 4 साल में 27 नए एसडीएम ऑफिस खोले जा चुके हैं। भाजपा सरकार के 4 साल में 17 नए तहसील खोले गए जबकि कांग्रेस सरकार के 4 साल में 61 नए तहसील खोले जा चुके हैं। भाजपा सरकार के 4 साल में 4 नए उपतहसील खोले गए जबकि कांग्रेस सरकार के 4 साल में 74 नए उपतहसील खोले जा चुके हैं। भाजपा सरकार के 4 साल में 435 नए राजस्व ग्राम बनाए गए जबकि कांग्रेस सरकार के 4 साल में 931 नए राजस्व ग्राम बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा “हम अपने काम के दम पर राजस्थान में रिवाज बदलने जा रहे हैं एवं राजस्थान में फिर से कांग्रेस का राज लाने जा रहे हैं।”

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