गोरखपुर, 21 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर प्रहार करते हुये कहा कि मोटा मुनाफा कमाने के लिये किसानों को कर्जदार बनाने वाले इन दिनो अन्नदाता को गुमराह करने में जुटे है।
श्री योगी ने गोरखपुर में किसानों से संवाद करते हुए रविवार को कहा कि आजादी के 70 सालों बाद केंद्र व प्रदेश में ऐसी सरकार आई है जो पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से किसानों के कल्याण और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके बावजूद कुछ निहित स्वार्थी तत्व किसानों के कंधों पर बंदूक रख उन्हें गुमराह कर अराजकता और अव्यवस्था पैदा करना चाहते हैं।
उन्होने कहा कि किसानों को गुमराह करने की साजिश के पीछे वही लोग हैं जिन्होंने सत्ता में रहते हुए खुद किसान हित का कोई भी कार्य नहीं किया। वे किसानों को मुनाफा नहीं कमाने देना चाहते। उनकी सोच ‘किसानों का मुनाफा खुद कमाएंगे, किसानों को कर्जे में दबाएंगे’ की है।
राजकीय कृषि विद्यालय परिसर, चरगांवा में मिशन किसान कल्याण के तहत आयोजित वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा किसान हित में किए गए कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को गुमराह करने वाले बेहद झूठ बोलते हैं। इन लोगों ने झूठ फैलाया कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसान की जमीन हड़प ली जाएगी जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर रखा है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक विकल्प है, बाध्यता नहीं।
इसमें किसान को मार्केट से ज्यादा लाभ कमाने के लिए कहीं भी उपज बेचने की स्वतंत्रता है। कोई बताए कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से क्या किसी किसान की जमीन हड़प ली गई। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसान की जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता किसान ही अपनी खेती का मालिक है। यह भी झूठ फैलाया गया कि मंडिया बंद कर दी जाएंगी। एक भी मंडी बंद हुई क्या। जून 2020 से एक भी मंडी बंद नहीं की गई बल्कि इन मंडियों को एक राष्ट्र एक बाजार की परिकल्पना के तहत ‘ई-नाम’ के तहत जोड़ा गया। 1000 से अधिक नई मंडियों को भी इसमें जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है।
उन्होने कहा कि गुमराह करने वाले सिर्फ गलतफहमी पैदा करना चाहते हैं सत्ता में रहने के दौरान इन लोगों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों की आजीविका की बड़ी आधार चीनी मिलों को या तो बेच दिया या बंद कर दिया एक समय इस अंचल में इस अंचल में 42 चीनी मिल चलती थी। इनमें से 32 गोरखपुर में ही थी वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 से 11 चीनी मिले चल रही हैं, वह भी तब जब हमारी सरकार ने पिपराइच व मुंडेरवा में नई चीनी मिल लगाई। सपा, बसपा की सरकार में कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज की चीनी मिलों को या तो बेच दिया गया या फिर बंद कर दिया गया।
प्रदीप
जारी वार्ता