राज्य » राजस्थानPosted at: Oct 15 2019 10:44PM श्रद्धा भाव से नगर कीर्तन को हजारों श्रद्धालुओं ने विदाई दी
श्रीगंगानगर, 15 अक्टूबर (वार्ता) जगतगुरु गुरुनानक देव जी की 550 वीं जयंती के उपलक्ष में उनकी जन्मस्थली ननकाना साहिब पाकिस्तान से आए अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन को आज श्रीगंगानगर में हजारों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा भाव से पंजाब के लिए विदाई दी।
श्रीगंगानगर में सुबह 8:30 बजे पदमपुर मार्ग पर शहीद बाबा दीपसिंह गुरुद्वारा से यह अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन आरंभ हुआ। पदमपुर मार्ग पर ही चक 5-ए के गुरुद्वारा साहब के सामने जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद नगर कीर्तन पदमपुर-सूरतगढ़ और हनुमानगढ़ बाईपास से कालूवाला होते हुए साधुवाली में राजस्थान-पंजाब सीमा पर पहुंचा। इस अंतर्राज्यीय सीमा पर पहुंचने में नगर कीर्तन को करीब पांच घंटे लगे। करीब 10 किमी के इस फासले में मार्ग के दोनों तरफ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शीश नवाकर स्वर्ण पालकी में विराजित श्री गुरुग्रंथ साहब का आशीर्वाद लिया।
उनके पीछे बुलेट प्रूफ वाहन में रखे श्री गुरुनानक देव जी के खड़ाऊं, छटे गुरु हरगोविंदसिंह और दसवें गुरु गोविंदसिंह के अस्त्र-शस्त्र और वस्त्रों के दर्शन किए। दोपहर एक बजे नगर कीर्तन ने पंजाब सीमा में प्रवेश किया। साधुवाली से आगे गुमजाल में भी हजारों की संख्या में लोग नगर कीर्तन के पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। आज भी गुरुद्वारा बाबा दीपसिंह से लेकर साधुवाली तक के रास्ते में कई स्थानों पर संस्थाओं द्वारा अटूट लंगर लगाए गए।
इससे पहले कल यह नगर कीर्तन श्रीगंगानगर देर रात पहुंचा। हनुमानगढ़ मार्ग पर रात्रि आठ बजे रीको उद्योग विहार में भव्य स्वागत होने के पश्चात श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ आई कि नगर कीर्तन को चहल चौक पहुंचने में पांच घंटे लग गए। चहल चौक से मीरा चौक, सुखाड़िया सर्किल, बीरबल चौक एवं कोड़ा चौक होते हुए नगर कीर्तन सुबह चार बजे शहीद बाबा दीपसिंह गुरुद्वारा पहुंचा। इस पूरे रास्ते में करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने कीर्तन का स्वागत किया। इस पूरे रास्ते में दो दर्जन से अधिक संस्थाओं द्वारा लंगर लगाए गए। अथाह जनसैलाब ने बड़े व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से गुरु महाराज का आशीर्वाद लिया।
सेठी सुनील
वार्ता