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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


तीन ब्रिटिश वैज्ञानिकों को भौतिकी का नोबल पुरस्कार

तीन ब्रिटिश वैज्ञानिकों को भौतिकी का नोबल पुरस्कार

स्टॉकहोम, 04 अक्टूबर (वार्ता) ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी डेविड थौलेस, डंकन हल्डेन और माइकल कोस्टरलित्ज को पदार्थ के एक अजूबे रूप की खोज के लिए संयुक्त रूप से वर्ष 2016 के भौतिकी का नोबल पुरस्कार दिया जायेगा। स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने कहा कि डेविड थौलेस, डंकन हल्डेन और माइकल कोस्टरलित्ज ने एक ऐसी दुनिया के दरवाजे खोले हैं जहां पदार्थ की एक अलग स्टेट टोपोलॉजी के बारे में अध्ययन किया जा सकेगा। तीनों वैज्ञानिकों की इस खोज से इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में विस्तृत अध्ययन किये जाने और भविष्य के क्वांटम कम्प्यूटरों पर काम करने में मदद मिलने की संभावना है। उन्होंने ‘थ्योरेटिकल डिस्कवरीज ऑफ टोपोलॉजिकल फेज ट्रांजिशन्स एंड टोपोलॉजी फेज आफ मैटर’ विषय पर सराहनीय खोज की । श्री हल्डेन ने इसकी घोषणा के बाद कहा, “वह यह खबर सुनकर काफी आश्चर्यचकित हैं और नोबल पुरस्कार पाने से काफी खुश हैं। डेविड थौलेस (82) यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में प्रोफेसर हैं। डंकन हल्डेन (65) न्यू जर्सी की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर हैं। माइकल कोस्टरलित्ज (73) ब्राउन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इन तीनों ने टोपोलॉजी पर साल 1970 से 1980 तक गहन अनुसंधान किया है। तीनों वैज्ञानिकों को कुल मिलाकर नौ लाख 37 हजार डॉलर मिलेंगे। इसमें से आधी राशि थौलेस को मिलेगी जबकि शेष आधी राशि एफ डंकन हल्डेन और जे माइकल कोस्तरलित्ज को संयुक्त रूप से दी जायेगी। इससे पहले कल जापान के योशिनोरी ओसुमी को चिकित्सा का नोबल पुरस्कार देने की घोषणा हुई थी। गौरतलब है कि भौतिकी के क्षेत्र में दिये गये महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रत्येक वर्ष किसी वैज्ञानिक को इस पुरस्कार से नवाजा जाता है। डायनामाइट की खोजकर्ता एवं व्यापारी अल्फ्रेड नोबल की वसीयत के अनुसार विज्ञान तथा साहित्य के क्षेत्र और शांति की खातिर किये गये योगदान के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। पहली बार ये पुरस्कार 1901 में प्रदान किये गये थे । सोनू.श्रवण वार्ता

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