राज्य » राजस्थानPosted at: Apr 15 2019 8:29PM बाघ टी 75 अब होगा सरिस्का का सुलतान
अलवर 15 अप्रैल (वार्ता ) राजस्थान के अलवर में सरिस्का वन्यजीव अभ्यारणय में रणथंबौर का बाघ टी 75 को सोमवार को पहुंचाया गया है।
सूत्रों के अनुसार इस बाघ का नाम सरिस्का बाघ परियोजना में एसटी 16 रखा गया है। सरिस्का बाघ परियोजना में आज जैसे ही नये सुल्तान बाघ के जंगल में आने को लेकर सूचना मिली तो वन प्रेमियों में खुशियां छा गई। इस बाघ के सरिस्का में आने के बाद अब इससे रोनक बढ़ेगी जिसके कारण पर्यटक अब सरिस्का बाघ परियोजना में रणथंबोर से लाए टी -75 को निहार सकेंगे।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार सात वर्षीय बाघ टी 75 बाघिन टी 17 सुंदरी और टी 25 डॉलर की संतान है। इसको सारिस्का में स्थापित किये जाने से सरिस्का बाघ परियोजना में जहां बाघिन अधिक होने के कारण अब संतुलन बन सकेगा और सरिस्का में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी होगी। इससे पूर्व आज सुबह रणथंबौर में बाघ को सरिस्का ले जाने के लिये टंक्यूलाइज किया तथा मेडिकल परीक्षण के बाद वन विभाग की टीम इसे पिंजरे में बंद कर सडक मार्ग से सरिस्का लाया गया।
बाघ के यहां लोकर पिंजरे में छोड़ दिया गया है जहां इसके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था क्लोजर में की गई है और कुछ दिन पिंजरे में रखकर इसको सरिस्का के जंगल में स्वच्छंद विचरण करने के लिए के लिए छोड़ दिया जाएगा। इस अवसर पर रणथंबोर के वन संरक्षक मनोज पाराशर, उपवन संरक्षक मुकेश सैनी , सरिस्का बाघ परियोजना के सीसीएम घनश्याम दत्त ,डीएफओ साधुराम यादव और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।