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तमिलनाडु में विपक्षी दलों ने की अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले की आलोचना

तमिलनाडु में विपक्षी दलों ने की अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले की आलोचना

चेन्नई, 05 अगस्त (वार्ता) तमिलनाडु में द्रमुक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) समेत विपक्षी दलों ने अनुच्छेद 370 खत्म करने और लद्दाख एवं जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश को दर्जा देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य में निर्वाचित सरकार गठित होने तक इस फैसले से बचना चाहिए था।

द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने यहां सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि दो नये केंद्र शासित बनाने का सरकार का यह फैसला ‘लोकतंत्र की हत्या’ है।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की मंजूरी के बिना अनुच्छेद 370 को समाप्त कर लोकतंत्र की हत्या की है।”

श्री स्टालिन ने इस फैसले को लोकतंत्र-विरोधी करार देते हुए इसकी आलाेचना की। उन्होंने संसद में इसका समर्थन करने के लिए अन्नाद्रमुक की भी निंदा की। उन्होंने व्यंग्य भरे अंदाज में कहा, “अन्नाद्रमुक के लिए यही उचित रहेगा कि वह अपना नाम बदलकर भारतीय जनता पार्टी रख ले।”

द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा एक निर्वाचित सरकार के गठन हो जाने तक राज्य काे विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने के फैसले को रोका जाना चाहिए था।

उन्होंने इससे पहले एक बयान में कहा था कि निर्वाचित मुख्यमंत्री की तुलना राज्यपाल से नहीं की जा सकती।

श्री स्टालिन ने जम्मू-कश्मीर में प्रमुख नेताओं को नजरबंद करने की निंदा करते हुए कहा कि यह किसी गुप्त मकसद से किया गया कार्य है।

इस बीच, भाकपा के राज्य सचिव आर मुथारसन ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे राष्ट्रीय एकता का अपमान बताया और जम्मू-कश्मीर में मौजूदा तनाव कम करने के लिए राजनीतिक समाधान नहीं निकालने का सरकार पर आरोप लगाया।

मणिठानेया मक्कल काच्चि के नेता एम एच जवाहिरुल्लाह ने केंद्र सरकार के इस फैसले को भारतीय लोकतंत्र में ‘काला दिवस’ बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को विभाजित करने के फैसले से देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति हो गयी है।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच अनुच्छेद 370 समाप्त करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने और लद्दाख को इससे अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने संबंधी विधेयक भी पेश किया।

श्री शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 पेश किया और कहा कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाएगा और वहां विधानमंडल नहीं होगा।

प्रियंका.श्रवण

वार्ता

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