नयी दिल्ली, 24 सितम्बर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत की विविधता एक बड़ी पाठशाला जैसी है और युवा पीढ़ी को इसे देखने और समझने के लिए के लिए देश के विभिन्न भागों की यात्रा करनी चाहिए। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि देश की विविधता को जानने और समझने का प्रयास किया जाना चाहिए। ख़ास तौर पर युवा-पीढ़ी को इस विविधता का अनुभव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व के विकास के लिए भी देश की ये विविधताएं एक बड़ी पाठशाला का काम करती है । प्रधानमंत्री ने इस बात पर चिंता जतायी कि लोग अपने देश को तो देखते नहीं हैं और उसकी विविधताओं को जानते, समझते नहीं हैं लेकिन चकाचौंध में आकर विदेशों में ही यात्रा करना पसंद करने लगे हैं । उन्होंने कहा कि विदेशों की यात्रा पर उन्हें कोई एतराज़ नहीं है लेकिन स्वदेश को भी जानना और समझना चाहिए। उत्तर-भारत के व्यक्ति को पता नहीं होता है कि दक्षिण-भारत में क्या है और पश्चिम-भारत के व्यक्ति को पता नहीं होता कि पूर्व-भारत में क्या है जबकि यह देश विविधताओं से भरा हुआ है । श्री मोदी ने इस संबंध में महात्मा गाँधी, लोकमान्य तिलक, स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने भारत-भ्रमण किया तब उन्हें भारत को देखने-समझने और उसके लिए जीने-मरने की एक नई प्रेरणा मिली । इन सभी महापुरुषों ने भारत का व्यापक भ्रमण किया और अपने कार्य के प्रारंभ में उन्होंने देश को जानने, समझने का प्रयास किया । उन्होंने कहा कि पर्यटन तभी सार्थक है जब सिर्फ घूमने के लिए नहीं बल्कि विद्यार्थी के तौर पर चीजों को देखने और समझने की कोशिश की जाए। इस संबंध में उन्होंने देश में अपने भ्रमण का जिक्र करते हुए कहा कि इससे प्राप्त अनुभव से उन्हें चीजों को समझने में बहुत सुविधा मिली है । उन्होंने कहा कि “विविधता में एकता” सिर्फ़ नारा नहीं बल्कि देश की अपार-शक्ति का भंडार है, जिसका अनुभव किया जाना चाहिए और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का सपना भी इसी में निहित है । उन्होंने कहा कि भ्रमण से अनुभव समृद्ध होता है और सोच का दायरा व्यापक होता है। उन्होंने लोगों से भ्रमण के अनुभवों और तस्वीरों को साझा करने का आग्रह करते हुए कहा कि वे हैशटैग इन्क्रेडिबल इंडिया पर फ़ोटो भेजें और वहाँ के जन-जीवन के बारे में लिखें तथा उसे माईजीओवी या नरेन्द्रमोदीऐप पर भेजें । प्रधानमंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अपने राज्य के सात सर्वोत्तम पर्यटन स्थलों पर जाने और वहां उनकी जानकारी देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हर राज्य से आयी सात सामान्य जानकारियों का प्रचार साहित्य तैयार कराया जाएगा।