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गीता प्रेस की पुस्तकों का प्रभाव बरकरार

गीता प्रेस की पुस्तकों का प्रभाव बरकरार

गोरखपुर 25 नवम्बर (वार्ता) टेलीविजन और इंटरनेट की चकाचौंध भरी दुनिया में पुस्तकों के प्रति लोगों के घटते आकर्षण के बावजूद नीति,अनुशासन,धर्म और नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली गीता प्रेस की पुस्तकों की बिक्री न सिर्फ बढ़ी है बल्कि दुनिया के कई मुल्कों में इन पुस्तकों का डंका बज रहा है।

वर्ष 1923 में कोलकाता से धार्मिक पुस्तक ‘गीता’ के प्रकाशन से अपना सफर शुरू करने वाला गीता प्रेस को आज देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में धार्मिक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकों के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रकाशक के तौर पर जाना जाता है।
हालांकि आज इन धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन का मुख्य केन्द्र गीता प्रेस गोरखपुर है।

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