राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 13 2021 8:54PM पर्यटन मंत्री को मगहर महोत्सव आयोजन की जानकारी नहीं
संतकबीरनगर 13 जनवरी(वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा है कि उन्हें कबीर निर्वाणस्थली पर प्रतिवर्ष एक सप्ताह तक आयोजित होने वाले मगहर महोत्सव की कोई जानकारी नहीं है।
इस संबंध में नगर पंचायत कमेटी ने भी उन्हें कभी अवगत नहीं कराया। श्री तिवारी आज संतकबीरनगर में स्थित सूफी संत कबीर दास की निर्वाणस्थली मगहर में निर्माणाधीन कबीर एकेडमी की प्रगति का निरीक्षण करने यहां आए थे।
उन्होंने कहा कि कबीर ने जिस तरह से सर्वसमाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया था उसी तरह पीएम मोदी ने सबका साथ और सबका विकास का संकल्प लेकर देश का आगे बढ़ाया है। मगहर कबीर की कर्मभूमि है और वह स्वयं कबीर की जन्मभूमि से जुड़े हैं इसलिए कबीर के विचारों से सहमत हैं। कबीर अकादमी के बनने से देश ही नहीं विदेश के विद्यार्थी शोध करने के लिए मगहर में आएंगे। जहां उनको कबीर के जीवन के बारे शोध करने के मदद मिलेगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मगहर महोत्सव के आयोजन के बारे में नगर पंचायत मगहर के द्वारा पहले कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें यहां पर आने पर पता चला कि एक सप्ताह तक मगहर महोत्सव का आयोजन किया जाता है जो शासन द्वारा कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया है। संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर में तीन दशकों से आयोजित हो रहे ,मगहर महोत्सव का आयोजन स्थगित हो जाने से क्षुब्ध मगहर महोत्सव समिति के सदस्यों ने पर्यटन राज्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।
पर्यटन राज्यमंत्री से मगहर महोत्सव को यथावत आयोजित करने के साथ ही बजट को 80 लाख करने की मांग की। मगहर महोत्सव वर्ष 1987 से संत कबीर की स्मृति में आयोजित होता रहा है जो प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी से 18 जनवरी तक होता है। यह महोत्सव पर्यटन विभाग कैलेंडर आफ इवेंट्स में भी शामिल है।
जिसके लिए प्रत्येक वर्ष 40लाख का बजट आवंटित किया जाता है। मगहर महोत्सव के माध्यम से कबीर की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने, सामाजिक समरसता को बढ़ाने, छुआछूत, आडंबर व कुरीतियों को खत्म करने के कबीर साहेब के संदेश को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए उच्च कोटि के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मगहर महोत्सव 2021 का आयोजन पर्यटन विभाग के द्वारा स्थगित कर इसके लिए आवंटित बजट 40 लाख रुपये को लहरतारा वाराणसी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में समायोजित कर दिया गया है जबकि लहरतारा में प्राकट्य उत्सव के कार्यक्रम के लिए 50 लाख रुपए अलग से आवंटित है।
सं विनोद
वार्ता