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भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर दिवंगतों को दी जा रही है श्रद्धांजलि

भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर दिवंगतों को दी जा रही है श्रद्धांजलि

भोपाल, 03 दिसंबर (वार्ता) विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में से एक भोपाल गैस त्रासदी की 35वीं बरसी पर आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए त्रासदी में जान गंवाने वाले हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही हैं। वहीं कुछ संगठनों का बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी दो तीन दिनों से चल रहा है।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की मौजूदगी में यहां दिवंगत व्यक्तियों की स्मृति में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें धर्माचार्यों द्वारा पाठ कर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस त्रासदी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

कीटनाशक बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनियन कार्बाइड के यहां स्थित संयंत्र से वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में जहरीली गैस मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) के रिसाव की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे। गैस की चपेट में आने वाले शहर के हजारों नागरिक पैंतीस वर्ष बाद आज भी उसके दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। गैस रिसाव के दौरान शहर में सड़कों पर भागते, हांफते हजारों लोगों ने दम तोड़ दिया था। इसके अलावा हजारों लोग गैस के प्रभाव के चलते नींद के दौरान ही चिरनिद्रा में लीन हो गए थे।

गैस पीडि़तों के हक में सालों से कार्य कर रहे संगठनों का पिछले तीन दिनों से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी जारी है। इन संगठनों का कहना है कि गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार बहुराष्ट्रीय कंपनी डाव कैमिकल्स अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है और वह पीड़ितों को पूर्ण राहत मुहैया नहीं करा रही है। इसके लिए वे केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार मानते हैं। अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड का बाद में डाव कैमिकल्स ने अधिग्रहण कर लिया था।

भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा और भोपाल ग्रुप फॉर इंफर्मेशन एंड एक्शन जैसे संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के आसपास बड़ी मात्रा में जहरीला रसायन अभी भी पड़ा हुआ है। इस वजह से भूमिगत जल प्रदूषित हो गया है और आसपास के हजारों नागरिक अब भी यही जल पीने काे मजबूर हैं। इस वजह से उन्हें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

ये ग्रुप आज यहां भारत टाकीज क्षेत्र से यूनियन कार्बाइड कारखाने तक पैदल रैली निकालेंगे। इस रैली में प्रदूषित भूजल से पीड़ित बच्चे भी शामिल होंगे। इन संगठनों ने कल यहां मानव श्रंखला बनाकर और कैंडल मार्च निकाल कर भी गैसकांड के दोषियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और त्रासदी में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

हालाकि गैस त्रासदी से जुड़ा आपराधिक मामला यहां वर्षों तक अदालत में चला लेकिन मुख्य आरोपी अमरीकी निवासी वारेन एंडरसन का प्रत्यर्पण भी नहीं हो सका और वह इस संसार से ही विदा हो गया। अन्य मुख्य आरोपियों को भी अभी तक सजा नहीं मिल सकी है।

प्रशांत

वार्ता

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