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पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद कर दी श्रद्धांजलि

पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद कर दी श्रद्धांजलि

नैनीताल, 24 मई (वार्ता) कुमाऊं विश्वविद्यालय परिवार की ओर से रविवार को वर्चुअल शोकसभा के माध्यम से प्रसिद्ध पर्यावरणविद् स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को श्रद्धांजलि दी गयी। वक्ताओं ने इस मौके पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को सराहा।

इस मौके पर भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कर्नाटक ने कहा कि श्री बहुगुणा पहाड़ के गांधी थे। वे हमेशा युवाओं के पथ प्रदर्शक रहे हैं। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाने की वकालत की। कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने उन्हें बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व सरल और निडर रहा है।

पद्मश्री शेखर पाठक ने विस्तार से उनके सामाजिक जीवन के सरोकारों व आंदोलनों को पर विस्तार से चर्चा की। पूर्व कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने श्री बहुगुणा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने में उनका अतुलनीय योगदान रहा है। वे पर्यावरण के रक्षक थे। उन्होंने पर्यावरण को महसूस किया और उसे जिया।

शिमला एफआरआई के निदेशक डाॅ. शेर सिंह सामंत ने कहा कि वे विराट व्यक्तित्व के धनी थे। गढ़वाल विवि के प्रो. सती ने कहा कि वे हमेशा सामाजिक आंदोलन व महिला शक्तिकरण के लिये संघर्षरत रहे हैं। हल्द्वानी एमबीपीजी कालेज के प्राचार्य डाॅ. बीआर पंत ने कहा कि उनका जीवन गांधीवादी रहा है और उन्होंने हमेशा सादा जीवन जिया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रेमलाल उनियाल, कोसी कटारमल पर्यावरण संस्थान के डाॅ. आईडी भट्ट और डाॅ. जेसी उनियाल ने कहा कि वे दृढ़ निश्चयी व शांत होने के साथ ही वे उत्तराखंड के शान थे। वक्ताओं ने इस मौके पर प्रसिद्ध चिपको आंदोलन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय के बल पर ही पर्यावरण की रक्षा करते हुए सरकारों को पेड़ों को काटने से रोकने के लिये मजबूर किया।

अल्मोड़ा के प्रो. जेएस रावत, प्रो. धूम सिंह नेगी, प्रो. कविदयाल, डाॅ. गजेन्द्र रावत (देहरादून), डाॅ. गीता तिवारी, डाॅ. आशारानी (बरेली), डाॅ. गिरीश जोशी (हल्द्वानी), डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. गोकुल सत्याल समेत तमाम बुद्धिजीवियों ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

रवीन्द्र, उप्रेती

वार्ता

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