नयी दिल्ली, 18 मई (वार्ता) त्रिपुरा के प्रसिद्ध जैविक क्वीन अनानास को दिल्ली में आज एक समारोह में लांच किया गया।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक समारोह में अनानास को जारी किया। इस मौके पर त्रिपुरा के कृषि एवं किसान कल्याण, ऊर्जा व संसदीय कार्य मंत्री रतनलाल नाथ भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में तोमर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास सरकार की प्राथमिकता है।दिल्ली हाट, आईएनए में त्रिपुरा सरकार और स्टेट को-आपरेटिव सप्लाय एवं मार्केटिंग फेडरेशन (सिमफेड) द्वारा आयोजित समारोह में तोमर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र हम सबका मस्तक है, जिसकी पहले उपेक्षा हुई थी और वहां के लिए बजट आवंटन भी कम होता था, लेकिन अब इस क्षेत्र पर पूरा ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री ने 9 साल में 52 बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं, साथ ही उनके दिशा-निर्देश पर केंद्रीय मंत्री भी वहां नियमित प्रवास कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य यहीं है कि पूर्वोत्तर की जो कोई भी कठिनाई हो तो उसे हल कर वहां विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा सकें। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय भी सतत् सक्रिय है और क्षेत्र की प्रगति के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन में जुटा रहता है।भारत सरकार पूरी तरह से इन राज्यों के साथ खड़ी है। आगे भी केंद्र सरकार, राज्यों के साथ कंधे से कंधा व कदम से कदम मिलाकर काम करती रहेगी। आयल पाम की खेती के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा मिशन चलाया जा रहा है, जिससे किसानों को लाभ होगा
तोमर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक खेती में काफी सफलता हासिल हुई है, सिक्किम जैविक राज्य घोषित किया जा चुका है, वहीं त्रिपुरा भी इस राह पर अग्रसर है, जो निश्चित ही सराहनीय है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में कृषि का काफी विकास हो रहा है। वैश्विक बाजार में इस क्षेत्र के उत्पादों की अपनी पहचान बनी है और निर्यात में वृद्धि हो रही है। अब भी कृषि एवं उद्यानिकी के विकास की काफी संभावनाएं पूर्वोत्तर क्षेत्र में है। जैविक खेती के माध्यम से पूर्वोत्तर में किसानों को फायदा हो रहा है।
इस मौके पर त्रिपुरा के जैविक क्वीन अनानास की विशिष्टता, गुणवत्ता व सेहत के लिए इसकी उपयोगिता को प्रदर्शित किया गया एवं टेस्टिंग सेशन भी हुआ। कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव लोक रंजन, त्रिपुरा के कृषि सचिव अपूर्बा राय, कृषि निदेशक सररेंदु दास, बागवानी निदेशक डा. फणिभूषण जमातिया मौजूद थे।
अरुण अशोक
वार्ता