अगरतला, 20 मई (वार्ता) त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने धलाई जिले के तीन पार्टी नेताओं को गैर कानूनी गतिविधि में शामिल होने और आपराधिक छवि होने की वजह से पार्टी से निलंबित कर दिया है।
भाजपा ने शुक्रवार को विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी। पार्टी की इस कार्रवाई से कुछ देर पहले, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री डॉ माणिक साहा ने भाजपा नेताओं को सभी हिंसक गतिविधियों को रोकने की सलाह दी।
श्री साहा की सलाह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री विपल्व कुमार देव के 50 महीने के शासन में त्रिपुरा में हजारों राजनीतिक हिंसा की घटनाएं, विपक्ष पर हमले की घटनाएं, विपक्षी दलों के कार्यालयों पर हमले की घटनाएं सहित पत्रकार और अन्य लोगों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। यही वजह है कि उन्हें हटाने को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर मांग तेज होने लगी थी।
इसके बाद, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने श्री देव को मुख्यमंत्री पद से हटाकर राज्य सभा के सदस्य श्री साहा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।
श्री साहा ने अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कथित तौर पर यह साफ कर दिया कि उनकी सरकार किसी अन्य पार्टी या व्यक्ति के प्रति प्रतिशोध की भावना नहीं दिखाएगी, कानून के अनुसार अपना काम करेगी और बिना किसी पूर्वाग्रह के लोगों के हित में काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा मुख्यालय में अपनी पहली बैठक में कहा,“ किसी के घरों और पार्टी कार्यालयों पर हमला करके या हिंसात्मक गतिविधि में शामिल होकर, मतदाताओं को मतदान की कतार से हटाकर, बूथ पर कब्जा करके और आपराधिक कृत्यों को अंजाम देना कोई भी लंबे समय तक बच नहीं सकता। भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो लोगों के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करती है और हमेशा सबसे अच्छा करने की उम्मीद रखती है। इसलिए हम सभी को सिद्धांत का पालन करना चाहिए। ”
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए अंतिम छोर तक लोगों तक पहुंचना और उनकी समस्याओं के प्रति सहानुभूति रखना बेहद जरूरी है। जब लोगों को लगेगा कि भाजपा उनके कल्याण के लिए काम कर रही है, तो लोग खुद ही पार्टी के पक्ष में मतदान करेंगे। हम सार्वजनिक अव्यवस्था, अराजकता, अवैध और आपराधिक तरीके अपना कर लोगों का दिल नहीं जीत सकते हैं।
गौरतलब है कि श्री देव के नेतृत्व वाली भाजपा-आईपीएफटी सरकार पर त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में विपक्षी दलों को 94 प्रतिशत सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारने देने का आरोप लगा था।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि पिछले 50 महीनों में राज्य में सैकड़ों विपक्षी नेताओं पर हमला किया गया, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के कई कार्यालयों को तोड़ दिया गया और 40 से अधिक पत्रकारों पर हमला हुआ तथा पांच मीडिया चैनलों को आग के हवाले कर दिया गया।
श्री साहा ने बैठक के बाद धलाई जिला समिति के सदस्य तपन रॉय, एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुकमल बिस्वास और करमछारा मंडल के शक्ति केंद्र प्रभारी रूपक पुरकायस्थ को निलंबित कर दिया।
देव.श्रवण
वार्ता