हरिद्वार 12 अक्टूबर (वार्ता) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मेला नियन्त्रण भवन हरिद्वार में कुम्भ मेला 2021 की आयोजन व्यवस्थाओं की उच्चाधिकारियों एवं सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक समीक्षा की और कहा कि आगामी कुम्भ मेला दिव्य एवं भव्यता के साथ आयोजित हो, इसके लिये समेकित प्रयासों पर ध्यान दिया जाय। आगामी कुम्भ मेले में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना के दृष्टिगत व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाय।
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सभी सड़कों एवं पुलों के निर्माण में तेजी लाई जाय। इसके लिये दो या तीन शिफ्ट में कार्य करने की प्रक्रिया अपनायी जाय। उन्होंने कहा कि कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि सड़क बनने से पूर्व सभी विभाग अपने से सम्बन्धित कार्यों को पूर्ण करा लें। सड़क बनने के बाद उसकी खुदाई करने की परम्परा को बन्द किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के भव्य आयोजन के लिये अखाड़ा परिषद् ने बड़ी सोच के साथ नील धारा में कुम्भ के आयोजन का प्रस्ताव रखा है। कुम्भ के दौरान सभी अखाड़ों को शाही स्नान के दौरान कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाय, इस सम्बन्ध में अखाड़ों को आवागमन में कोई टकराव न हो इसकी भी पहले से ही सुचारू व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए और शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।
श्री त्रिवेन्द्र ने मोैजूद संत महात्माओं को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नगर विकास शैलेश बगोली, गढ़वाल आयुक्त श्री रविनाथ रमन, मेलाधिकारी श्री दीपक रावत, आईजी मेला श्री संजय गुंज्याल, अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष श्री महंत नरेन्द्र गिरि, महामंत्री श्री मंहत हरिगिरी सहित सभी अखाड़ो के प्रतिनिधि तथा सभी सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
सं. उप्रेती
वार्ता