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इलेक्ट्रॉनिक


मध्यप्रदेश में बने है दो इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स

भोपाल, 6 दिसम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ एक साथ दो इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना की मंजूरी भारत सरकार द्वारा दी गयी है। यह क्लस्टर ग्वालियर और जबलपुर में बने हैं। इनके लिए मूलभूत अधोसंरचना के विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार परियोजना के सुचारू संचालन के लिए एक पृथक कंपनी 'भोपाल इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर्स पार्क लिमिटेड' बनायी गयी है। क्लस्टर में 5 इकाई को भूमि आवंटित की जा चुकी है। इस क्षेत्र में लगभग 50 हजार रोजगार का सृजन होगा। प्रदेश के महानगर इंदौर के परदेशीपुरा एवं ग्वालियर में आई.टी. पार्क संचालित है। सिंहासा आई.टी. पार्क इंदौर, बड़वई आई.टी. पार्क भोपाल एवं पूरवा जबलपुर में आई.टी. पार्क की स्थापना के प्रथम चरण में मूलभूत अधोसंरचना का विकास तीन चौथाई पूरा हो गया है। आई.टी. पार्क इंदौर में 14, भोपाल में 25 एवं जबलपुर में 4 इकाई को भूमि आवंटित की गयी है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क स्वान की स्थापना की गयी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से इस परियोजना में मध्यप्रदेश में 400 पोइंट आफ प्रीसेंस (पॉप) केन्द्र की स्थापना की जा रही है। अब तक 380 पॉप केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है। साथ ही 40 नई तहसील में से 20 में पॉप केन्द्रों की स्थापना की गयी। प्रदेश सरकार के सभी विभाग एवं एजेंसियों में उपलब्ध डिजिटल सामग्री को सुरक्षित रखने एवं आपस में बाँटने की निरंतरता 365 दिन एवं 24 घंटे जारी रखने के लिये भोपाल में वर्ष 2013 से स्टेट डेटा सेंटर क्रियाशील है।


शासकीय निविदाओं में पारदर्शिता एवं सुगमता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के कार्यालयों द्वारा जारी की जाने वाली निविदाओं के लिये वर्ष 2006 से ई-टेण्डरिंग प्रणाली संचालित है। शासन के सभी विभाग/संस्थाओं के लिये ई पोर्टल का संचालन किया जा रहा है। विभाग की सभी निविदाएँ ऑनलाइन की जाती हैं। वर्तमान में 21 हजार 553 एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क के जरिये राज्य शासन के विभिन्न विभाग द्वारा प्रदान की जा रही 450 शासकीय सेवाएँ पारदर्शी तरीके से सुविधाजनक रूप से नागरिकों को उनके निकटतम स्थान पर ऑनलाइन उपलब्ध करवायी जा रही हैं। अधिकारी/कर्मचारियों की ई-गवर्नेंस एवं आई.टी. संबंधी दक्षताओं के संवर्धन के लिये सभी 51 जिले में ई-दक्ष केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इस साल सितम्बर तक लगभग 85 हजार अधिकारी-कर्मचारियों को आई.टी./ई-गवर्नेंस से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। वर्चुअल क्लॉस-रूम परियोजना में प्रदेश के उत्कृष्ट विषय-विशेषज्ञों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा द्वारा 413 केन्द्र में शिक्षण जारी है। परियोजना की शुरूआत से इस साल सितम्बर तक लगभग दो हजार व्याख्यान का प्रसारण कर 40 लाख से अधिक विद्यार्थी को लाभान्वित किया जा चुका है। प्रदेश के सभी विभाग के जीआईएस डाटा तैयार किये जाने का काम चल रहा है। खसरा नक्शों का एकीकृत जीआईएस डाटा का निर्माण 94 प्रतिशत पूरा हो चुका है। अब तक वन, स्कूल शिक्षा, नगरीय एवं विकास विभाग से प्राप्त जीआईएस डाटा को संधारित किया जा चुका है। इस डाटा को उपयोगकर्ताओं से साझा करने के लिये वेब सर्विसेस का विकास कर पोर्टल में उपलब्ध करवाया जा चुका है। एम.पी. मोबाइल प्लेटफार्म से 154 नागरिक केन्द्रित सेवाएँ प्रदाय की जा रही हैं। विश्वकर्मा वार्ता

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